निगरानी टीम ने सीतामढ़ी में फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी पाकर करीब 18 वर्षों से स्कूल में सर और मैडम बने दो शिक्षकों को बेनकाब किया है। ये दोनों टीचर सभी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर पिछले 16 से 18 वर्षों से शिक्षक की नौकरी कर रहे थे। जांच में खुलासा हुआ है कि जिस संस्थान का उन्होंने सर्टिफिकेट जमा कराया था, वह सर्टिफिकेट उस संस्थान द्वारा जारी ही नहीं किया गया है। निगरानी विभाग ने दोनों सर और मैडम पर प्राथमिकी दर्ज कराई है।
सीतामढ़ी में फर्जी शिक्षक हुए बेनकाब
जानकारी के अनुसार रीगा थाना क्षेत्र के रेवासी गांव निवासी सियाराम ठाकुर के पुत्र संजय कुमार और पूर्वी चंपारण जिले के शिकारगंज थानांतर्गत रुपहारा गांव निवासी स्व. बालेश्वर सिंह की पुत्री सोनी कुमारी पर फर्जी प्रमाण-पत्र पर नौकरी करने का आरोप लगाया गया है। संजय कुमार पूर्व में सुरसंड प्रखंड के मध्य विद्यालय, सुंदरपुर में पदस्थापित था, जबकि वर्तमान में उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीखंडी भिट्ठा पश्चिमी में पदस्थापित हैं। वहीं, शिक्षिका सोनी कुमारी पूर्व में सुरसंद प्रखंड के मध्य विद्यालय, करड़वाना कोरियाही में पदस्थापित थी, जबकि वर्तमान में वह बथनाहा प्रखंड के पुरनहिया विद्यालय में पदस्थापित हैं।
दोनों के बीएड की डिग्री निकली जाली
जांच में पता चला कि दोनों शिक्षकों के शिक्षक प्रशिक्षण के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं। इन दोनों ने नियोजन के दौरान असम के एक ही संस्थान के प्रमाण-पत्र जमा किए थे। संस्थान ने निगरानी डीएसपी को अपनी रिपोर्ट दी है कि इन दोनों के प्रमाण-पत्र उनके संस्थान से निर्गत नहीं है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद निगरानी डीएसपी ने सुरसंड थाना में इन अवैध शिक्षक/शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।