दसवीं पास आदिवासी महिला मोदी ३.० कैबिनेट में बनी मंत्री
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने एक बार फिर से सामाजिक न्याय और समावेशिता की मिसाल पेश की है। इस बार एक दसवीं पास आदिवासी महिला को मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस निर्णय से देश भर में उत्साह और प्रेरणा की लहर दौड़ गई है। दो बार की लोकसभा सांसद 46 साल की सावित्री ठाकुर को अब देश की मंत्री के रूप में जाना जायेगा. मध्य प्रदेश के धार में वह लम्बे समय से आदिवासिओ और किसान की जिंदिगी बदलने के लिए काम कर रही है. इस बार फिर से उन्हें मोदी ३.0 कैबिनेट में जगह मिली हैं.
मंत्री बनने की कहानी
इस अद्वितीय निर्णय की मुख्य पात्र हैं सावित्री ठाकुर ,जो धर्मपुरी तहसील के तारापुर गाँव से आती है । सावित्री ठाकुर का सफर न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह साबित करता है कि योग्यता और सेवा की भावना ही असली सफलता का मापदंड है।
सावित्री ठाकुर का परिवार साधारण है और वे प्रारंभ से ही ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों से जूझती रही हैं। अपने स्कूल की पढ़ाई दसवीं कक्षा तक पूरी करने के बाद, उन्हें परिवार की जिम्मेदारियों के कारण आगे पढ़ाई जारी रखने का अवसर नहीं मिला। इसके बावजूद, उन्होंने समाज सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान जारी रखा।
राजनीतिक सफर
सावित्री ठाकुर ने शुरुआत में पंचायत स्तर पर महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए काम करना शुरू किया। उनकी सक्रियता और समर्पण ने उन्हें जल्दी ही लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और ग्राम पंचायत में एक प्रमुख भूमिका निभाई।
सावित्री ठाकुर की इस सफलता को देखते हुए, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पार्टी में शामिल किया और उनके नेतृत्व कौशल को पहचाना। कुछ ही समय में, वे जिला स्तर पर पार्टी की एक प्रमुख नेता बन गईं।
READ ALSO :https://swatvasamachar.com/news/pm-modi-5-minister-hatrick/
मंत्री पद का अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा ही प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें सही मंच देने पर जोर दिया है। सावित्री ठाकुर की मेहनत और समर्पण को देखते हुए, मोदी ने उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। यह निर्णय न सिर्फ आदिवासी समाज के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है।
सावित्री ठाकुर का कहना है, “मैं प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया। यह जिम्मेदारी मेरे लिए एक अवसर है कि मैं अपने समाज और देश के लिए और भी बेहतर काम कर सकूं।”
समाज में प्रभाव
सावित्री ठाकुर की इस सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि शिक्षा का स्तर चाहे जो भी हो, अगर आपके पास दृढ़ संकल्प और मेहनत करने की इच्छा है, तो आप बड़े से बड़े मुकाम हासिल कर सकते हैं। उनके मंत्री बनने से आदिवासी समाज में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह निर्णय न सिर्फ सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत की राजनीति में अब सिर्फ ऊंची शिक्षा ही नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण भी महत्वपूर्ण हैं।