पटना हाईकोर्ट ने ईबीसी, एससी और एसटी के लिए आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% करने के नीतीश सरकार के फैसले को आज रद कर दिया। हाईकोर्ट ने आरक्षण बढ़ाने संबंधी राज्य सरकार द्वारा 2023 में पारित कानून को भी समाप्त कर दिया। बिहार की नीतीश सरकार ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को 9 नवंबर, 2023 में एक कानून पारित कर 50% से बढ़ाकर 65% कर दिया था।
EBC,SC,ST के लिए 65% आरक्षण कानून खत्म
राज्य सरकार के इस कानून के खिलाफ गौरव कुमार व अन्य के दायर याचिकाओं पर पटना हाई कोर्ट ने सारी सुनवाई के बाद आज फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद निर्णय सुनाया। मामले में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने ये आरक्षण इन वर्गों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण दिया था।
बहस के दौरान कोर्ट में क्या—क्या हुआ…
याचिकाकर्ता के वकील ने इसके जवाब में कोर्ट को बताया कि कि सामान्य वर्ग में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसद आरक्षण रद्द करना भारतीय संविधान की धारा 14 और धारा 15(6)(b) के विरुद्ध है। उन्होंने बताया था कि जातिगत सर्वेक्षण के बाद जातियों के अनुपातिक आधार पर आरक्षण का ये निर्णय लिया लिया गया है, न कि सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर ये निर्णय लिया गया है।