2024 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती और नवादा सीट से विवेक ठाकुर के चुनाव जीतने के बाद उन दोनों की राज्यसभा सीटें खाली हो गईं हैं। इन दोनों की खाली हुई सीटों पर राज्यसभा उपचुनाव तय है। इसके अलावा अगले वर्ष राज्य विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में बिहार की सियासत में जाति और उससे जुड़ा वोटबैंक फैक्टर काफी महत्व रखता है। एनडीए के दोनों प्रमुख घटकों भाजपा और जदयू के बीच गुणा—गणित शुरू है। राज्यसभा उपचुनाव भी इससे अछूता नहीं होने वाला। ऐसे में अहम सवाल यह है कि क्या कुशवाहा वोटबैंक पर पकड़ रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए राज्यसभा भेजेगा?
एनडीए के पक्ष में संख्या बल, दोनों सीटों पर जीत तय
संख्या बल के लिहाज से देखें तो राज्यसभा की यह दोनों सीटें एनडीए को जानी तय हैं। लेकिन अंदरखाने से खबर है कि किसे राज्यसभा भेजा जाए, इसपर जदयू और भाजपा के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। जहां भाजपा वैश्य समुदाय और कुशवाहा समुदाय को साधना चाह रहा, वहीं जदयू भूमिहार समाज को यह अहसास कराना चाह रहा कि वे उसके साथ ही सबसे सहज हो सकते हैं।
एक सीट पर रमा देवी और आरके सिंह के बीच चयन
विवेक ठाकुर की खाली हुई सीट पर तो कोई जिच नहीं है। भाजपा आराम से वैश्य समुदाय से आने वाली पूर्व सांसद रमा देवी को राज्यसभा भेज सकती है। बीजेपी के रणनीतिकारों ने हिंट दिया कि रामा देवी को राज्यसभा भेज भाजपा वैश्य समाज की पार्टी से नाराजगी दूर करना चाहती है। लेकिन भाजपा में ही एक गुट पूर्व मंत्री आरके सिंह को राज्यसभा भेजना चाह रहा क्योंकि वे विकास के मोर्चे पर मोदी के परफॉर्मर मंत्री रहे हैं।
जदयू और भाजपा के बीच यहां फंस रहा पेंच
भाजपा और जदयू के बीच राज्यसभा उपचुनाव को लेकर दूसरी सीट पर पेंच फंस रहा है। यह सीट मीसा भारती के लोकसभा जाने से खाली हुई है। भाजपा इस राज्यसभा सीट पर उपेंद्र कुशवाहा को भेजना चाहती है। भाजपा रणनीतिकारों का मानना है कि 2025 में होने वाले विधान सभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा का लाभ उठाया जा सकता है। कुशवाहा समुदाय की नाराजगी के चलते लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सीटों के साथ साथ वोट प्रतिशत का भी नुकसान हुआ है।
लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश और उनकी पार्टी जदयू इस सीट से भूमिहार समुदाय से आने वाले भोला शर्मा को राज्यसभा भेजना चाह रहे हैं। भोला शर्मा जहानाबाद वाले किंग महेंद्र के छोटे भाई हैं। वे भूमिहारों के बीच जेडीयू उम्मीदवारों के प्रचार में जाते रहे हैं।
यह भी पता चला कि एनडीए में इस सारी कवायद पर गंभीर मंथन चल रहा है। केंद्र से लेकर राज्य स्तर पर गुणा—गणित बैठाया जा रहा। भाजपा आलाकमान प्रदेश नेतृत्व से भी फीड बैक ले रहा है। बिहार से जुड़े मामलों पर भाजपा के रणनीतिकार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधे संपर्क में हैं। सहमति बनने के बाद ही यह तय होगा कि उपेंद्र कुशवाहा राज्यसभा जायेंगे या कोई और।