2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर बहुमत नहीं ला पाई है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए उसे एनडीए के घटक दलों का साथ अनिवार्य है। मौजूदा सियासी परिस्थितियों ने अचानक एनडीए को दो प्रमुख दलों—टीडीपी और जदयू के हाथ केंद्र की सत्ता की चाबी थमा दी है। यही कारण है कि दोनों ही दलों ने दिल्ली में आज केंद्र में सरकार गठन को लेकर होने वाली एनडीए की बैठक से पहले ही प्रेशर टैक्टिक्स शुरू कर दी है। खबर है कि भाजपा इस समय बड़े प्रेशर में है और आज किसी भी समय कुछ भी चौंकाने वाली सियासी घटना घट सकती है।
केसी त्यागी ने बताई जदयू की चाहत
बात करें एनडीए की तो जदयू ने अपने हाव—भाव से साफ जता दिया कि वह क्या चाहती है। लेकिन टीडीपी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने साफ कह दिया है कि बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिलना चाहिए। बुधवार को यह मांग जेडीयू प्रवक्ता और पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने की। उधर पटना से दिल्ली जाते हुए सीएम नीतीश ने प्लेन में तेजस्वी संग जिस मुस्कान के साथ फोटो खिंचवाई, उनके उस अंदाज ने सियासी पारा हाई कर दिया। उन्हें पहले ही इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं ने पाला बदल के लिए कई आफर थमाए हुए हैं। नीतीश पहले ही पाला बदल वाली सियासत के माहिर खिलाड़ी रहे हैं। ऐसे में उनकी विश्वसनीयता कब डोल जाए, कहा नहीं जा सकता।
वाजपेयी सरकार की तरह टीडीपी चाह रही स्पीकर पद
इधर मौजूद लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा के लिए दूसरी टेंशन बन गए टीडीपी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन माना जा रहा कि टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू पहले भी एनडीए के संयोजक रह चुके हैं। वे एनडीए के साथ ही सहज हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि टीडीपी संभव है कि लोकसभा स्पीकर के पद पर दावा करे। यह अनुमान इसलिए कि जब पूर्व में वाजपेयी जी की केंद्र में सरकार बनी थी तब भी स्पीकर टीडीपी के जीएमसी बालयोगी बनाए गए थे। हालांकि जदयू और टीडीपी दोनों की मांगे एक जैसी ही हैं—दोनों अपने राज्य को विशेष दर्जा देने और स्पीकर पद पाने की हसरत पाले हुए हैं।