By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Swatva Samachar
Notification
  • Home
  • देश-विदेश
  • राज्य
  • राजपाट
  • खेल-कूद
  • मनोरंजन
  • अपराध
  • अर्थ
  • अवसर
  • आप्रवासी मंच
    • बिहारी समाज
  • मंथन
  • वायरल
  • विचार
  • शिक्षा
  • संस्कृति
  • स्वास्थ्य
  • वीडियो
  • E-Magazine
Font ResizerAa
Swatva SamacharSwatva Samachar
  • देश-विदेश
  • राजपाट
  • खेल-कूद
  • मनोरंजन
  • अपराध
  • अर्थ
  • अवसर
  • आप्रवासी मंच
  • बिहारी समाज
  • मंथन
  • वायरल
  • विचार
  • शिक्षा
  • संस्कृति
  • स्वास्थ्य
Search
  • About us
  • Advertisement
  • Editorial Policy
  • Grievance Report
  • Privacy Policy
  • Terms of use
  • Feedback
  • Contact us
Follow US
मंथन

मुस्लिम आरक्षण पर चुप्पी कितनी  खतरनाक  ?

Parag Parashar
Last updated: May 27, 2024 5:14 pm
By Parag Parashar 1.2k Views
Share
8 Min Read
SHARE

मुस्लिम आरक्षण पर चुप्पी कितनी  खतरनाक  ?

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी अपनी ज्यादातर जनसभाओं में मुस्लिम आरक्षण पर चिंता व्यक्त करते हुए इंडिया गठबंधन के नेताओं पर हमला बोल रहे है l वह कह रहे है कि सत्ता में आने पर इंडिया गठबंधन दलितों और पिछड़ों का आरक्षण काट कर मुस्लिमों को दे देगी l देश का विभाजन करवा देंगे l मोदी ने राहुल गाँधी को ऐसा न करने के लिए वायदा करने को कहा परंतु राहुल गाँधी इस बाबत मौन ही रहे, इसके विपरीत इंडिया गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने बयान में कहा कि इंडिया गठबंधन की सत्ता में आने पर संविधान में संसोधन कर  मुस्लिमों को आरक्षण दिया जायेगा.

- Advertisement -

इसी बीच हाल ही में कोलकाता हाईकोर्ट ने अन्‍य पिछड़ा वर्ग श्रेणी  के तहत राज्‍य में 2010 के बाद जितने भी लोगों को प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उन्‍हें रद्द कर‍ दिया गया l लोकसभा चुनाव के बीच आए इस जजमेंट ने राज्‍य ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में  भी उबाल ला दिया l  ऐसा इसलिए क्‍योंकि ओबीसी के तहत ममता बनर्जी सहित कांग्रेस व विपक्ष के कई शासक दलों ने मुसलमानों को इस श्रेणी में आरक्षण दिया था.

भारतीय जनता पार्टी और अन्‍य विपक्षी दल अपने अपने तरीके से इसे चुनवी मुद्दा बनाने में जुटे हैं . इसी बीच बड़ा सवाल  यह है कि आखिर देश के कितने राज्‍यों में मुस्लिम समाज को आरक्षण दिया गया है? किस राज्‍य में कितने प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण की व्‍यवस्‍था की गई है? आपको इसके बारे में बताते हैं .

दरअसल, एक, दो या तीन नहीं बल्कि देश के 9 राज्‍यों में मुस्लिम आरक्षण की व्‍यवस्‍था की गई है l मौजूदा वक्‍त में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक (कोर्ट का स्टे), बंगाल (अब रद्द कर दिया गया), तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में यह व्‍यवस्‍था है l केरल में शिक्षा में 8 फीसदी और नौकरियों में 10 फीसदी सीटें मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित हैं .

- Advertisement -

वहीं, तमिलनाडु में मुसलमानों को 3.5% आरक्षण दिया जाता है l कर्नाटक में मुस्लिमों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था,  जिसे BJP सरकार ने ख़त्म कर दिया था l अब कांग्रेस ने राज्‍य में सत्‍ता में आते ही दोबारा मुस्लिम आरक्षण को लागू करने की कोशिश की, जिसपर कोर्ट ने स्टे लगा दिया  l  कर्नाटक में 32% ओबीसी कोटा के भीतर मुस्लिमों को 4% उप-कोटा मिला हुआ है l केरल में 30% ओबीसी कोटा में 12% मुस्लिम कोटा है l तमिलनाडु में  पिछड़े वर्ग के मुसलमानों को 3.5% आरक्षण मिलता है l यूपी में 27 फीसदी ओबीसी कोटा के अंदर ही 28 मुस्लिम जातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है l तेलंगाना में मुस्लिमों को OBC कैटेगरी में 4 प्रतिशत आरक्षण है l आंध्र प्रदेश में OBC आरक्षण में मुस्लिम रिजर्वेशन का कोटा 7% से 10% तक है l  इसके अलावा बिहार, राजस्थान समेत कई राज्यों में जाति के आधार पर मुस्लिमों को OBC आरक्षण में शामिल किया गया है .

दरअसल, बीजेपी नेताओं के मुस्लिम आरक्षण पर दिए बयान के बाद इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या इस व्यवस्था पर समीक्षा की जाएगी l इस मामले में राजस्थान की भजनलाल सरकार ने ओबीसी कोटे में 14 जातियों में शामिल मुस्लिमों को दिये जाने वाले आरक्षण की समीक्षा करने का फैसला किया है l

- Advertisement -

सबसे पहले मुस्लिम आरक्षण की शुरुआत जो कि राजनैतिक था, 1909 के मार्ले मिंटो अधिनियम में मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचन की व्यवस्था की गई l उस समय कांग्रेस ने इसका पुरजोर विरोध किया लेकिन 1916 के कांग्रेस के मुस्लिम लीग से लखनऊ समझौते में कांग्रेस ने पृथक निर्वाचन को स्वीकार कर लिया l बाद में इसका आगे के अधिनियमों में कई क्षेत्रों में उत्तरोत्तर बढ़ता गया जो आगे चलकर भारत के विभाजन का मुख्य कारण बना .

धर्म-आधारित आरक्षण  1936 में केरल में भी लागू किया गया था, जो उस समय त्रावणकोर-कोच्चि राज्य था l साल 1952 में इसे 45% के साथ सांप्रदायिक आरक्षण से बदल दिया गया, 35% आरक्षण ओबीसी को आवंटित किया गया था, जिसमें मुस्लिम भी शामिल थे l साल 1956 में केरल के पुनर्गठन के बाद लेफ्ट की सरकार ने आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाकर 50 कर दिया गया  जिसमें ओबीसी के लिए आरक्षण 40% शामिल था .

सरकार ने ओबीसी के भीतर एक सब कोटा  बना दिया जिसमें मुसलमानों की हिस्सेदारी 10% थी  जबकि भारत के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है और तब भी नही था l खुद संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर भी कहते थे कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता l दरअसल, राज्य स्तर पर मुस्लिमों की कई जातियों को ओबीसी लिस्ट में आरक्षण दिया जाता है l यह कैसे किया जाता है इसके पीछे संविधान के कुछ अनुच्छेदों  में छिपी अस्पष्ट भावना का सहारा लेकर किया जाता है .

संविधान के अनुच्छेद 16(4) के मुताबिक राज्य को पिछड़े वर्ग के नागरिकों के पक्ष में आरक्षण का प्रावधान करने में सक्षम बनाता है l इसी तरह अनुच्छेद 15(1) राज्य को नागरिकों के विरुद्ध धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव करने से रोकता है l अनुच्छेद 16(1) अवसर की समानता प्रदान करता है और  अनुच्छेद 15 (4) राज्य नागरिकों के किसी भी सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग की उन्नति के लिए प्रावधान कर सकता है l  इसके अलावा अगर कोई दलित व्यक्ति हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम या ईसाई धर्म कबूल कर लेता है, तो क्या उसे आरक्षण का लाभ मिलेगा ? ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में संविधान के उस आदेश पर भी फै़सला होना बाक़ी है, जिसमें कहा गया है कि हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म के दलितों के अलावा किसी और धर्म के लोगों को अनूसूचित का दर्जा नहीं दिया जा सकता l आदेश में ये भी कहा गया था कि ईसाई और इस्लाम धर्म को आदेश से इसलिए बाहर रखा गया है  क्योंकि इन दोनों धर्मों में छुआछूत और जाति व्यवस्था नहीं है l यहां सबसे अधिक चौकाने वाली बात यह है कि संविधान बदलने की दुहाई देने वाले राजनेताओं के साथ कथित दलित और अंबेडकरवादियों ने देश के 9 राज्यों में ओबीसी कोटे में मुस्लिम आरक्षण की व्यवस्था पर  चुप्पी साधे हुए है ।

 

लेखक – मुनीष त्रिपाठी (पत्रकार)

 

 

TAGGED: #bihar update, #biharpolitics, biharnews, muslim
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Copy Link
Did like the post ?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

हमने पुरानी ख़बरों को आर्काइव में डाल दिया है, पुरानी खबरों को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कर। Read old news on Archive

Live News

- Advertisement -

Latest News

जी हां! चौंकिए नहीं, प्रखंड परिसर से हो रही शराब तस्करी
बिहारी समाज
मशरूम की खेती का हब बना नवादा, राज्य समेत अन्य राज्यों में की जा रही आपूर्ति
बिहारी समाज
140 लीटर महुआ शराब बरामद, बाइक जब्त, धंधेबाज फरार
बिहारी समाज
मुखिया को पदच्युत करने में विभाग के फूल रहे हाथ पांव
बिहारी समाज
- Advertisement -

Like us on facebook

Subscribe our Channel

Popular Post

जी हां! चौंकिए नहीं, प्रखंड परिसर से हो रही शराब तस्करी
बिहारी समाज
मशरूम की खेती का हब बना नवादा, राज्य समेत अन्य राज्यों में की जा रही आपूर्ति
बिहारी समाज
140 लीटर महुआ शराब बरामद, बाइक जब्त, धंधेबाज फरार
बिहारी समाज
मुखिया को पदच्युत करने में विभाग के फूल रहे हाथ पांव
बिहारी समाज
- Advertisement -
- Advertisement -

Related Stories

Uncover the stories that related to the post!

धर्म के लिए जीवन कैसा होना चाहिए, गुरु महाराज ने यह जीकर दिखाया : डॉ० मोहन भागवत

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के एक दिन पूर्व…

By Swatva
आकाशवाणी, मन की बात, तकनीक से ताल
मंथन

आकाशवाणी : तकनीक से ताल

प्रशांत रंजन 21वीं सदी में जब इंटरनेट आधारित माध्यमों की सघनता बढ़ने…

By Amit Dubey
आरएसएस, बदलाव, प्रतिरक्षा, अर्थ
मंथन

आरएसएस ने बदला प्रतिरक्षा का अर्थ

डॉ सोनू प्रताप सिंह राजनितिक विश्लेषक व स्वतंत्र शोधार्थी भारत को अपनी…

By Amit Dubey
आरएसएस, संघ, शताब्दी योजना, चिंतन, मं​थन
मंथन

संघ की शताब्दी योजना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण हो गए है।…

By Amit Dubey
Show More
- Advertisement -

About us

पत्रकारों द्वारा प्रामाणिक पत्रकारिता हमारा लक्ष्य | लोकचेतना जागरण से लोकसत्ता के सामर्थ्य को स्थापित करना हमारा ध्येय | सूचना के साथ, ज्ञान के लिए, गरिमा से युक्त |

Contact us: [email protected]

Facebook Twitter Youtube Whatsapp
Company
  • About us
  • Feedback
  • Advertisement
  • Contact us
More Info
  • Editorial Policy
  • Grievance Report
  • Privacy Policy
  • Terms of use

Sign Up For Free

Subscribe to our newsletter and don't miss out on our programs, webinars and trainings.

[mc4wp_form]

©. 2020-2024. Swatva Samachar. All Rights Reserved.

Website Designed by Cotlas.

adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?