नवादा : वर्ल्ड सेंटर ऑफ जैनिज्म के रूप में जिले के गुणावां (गुनियाजी) जल मंदिर विकसित करने की शुरुआत कर दी गयी है। नॉलेज, विजडम और कॉन्शसनेस के स्वरूप में आने वाले दिनों में नवादा शहर का प्रसिद्ध जल मंदिर दिखेगा। लगभग 50 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैले इस जल मंदिर का आधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विस्तार किया जा रहा है। विश्व टूरिज्म को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता रखने वाला गुणावां जी श्वेतांबर जैन जल मंदिर जिले की पहचान है।
जैन सर्किट में शामिल जिले का यह प्रसिद्ध मंदिर जैन धर्म के मानने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। जमुई जिले में स्थित लछुआर जैन मंदिर से होकर पावापुरी राजगीर तक जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए नवादा स्थित गुनावां जी जैन मंदिर प्रमुख ठहराव स्थल है। प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल झारखंड स्थित शिखरजी इसरी जाने के लिए यहां से सुलभ रूप से रास्ता है।
क्या होगा खास
निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं आचार्य श्रीमद विजय मुक्तिप्रभ सुरेश्वर जी महाराज
उन्होंने बताया कि जैनिज्म टेंपल के विद्वान वास्तुकार कविंद्र कोठारी की देखरेख में चल रहा है निर्माण कार्य
विश्व स्तरीय जैन मंदिर निर्माण में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का हो रहा इस्तेमाल
लोहे के सरिया की जगह पर फाइबर के रॉड का होगा इस्तेमाल
संवाशरण, उपासना स्थल, थ्रीडी डिजिटल म्यूजियम, सूरी मंदिर, धर्मशाला, भोजनालय बनेंगे
निर्माण कार्य शुरू, अगले 5 वर्षों में बनकर होगा पूरा
पुराने मंदिर को हटाकर नये का हो रहा है निर्माण
आकर्षक रूप से बने पुराने जल मंदिर की जगह अब भव्य और जैन वर्ल्ड सेंटर के रूप में इस पूरे 50 एकड़ से अधिक के एरिया को विकसित किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की सभी सुविधाएं इस जैन मंदिर में उपलब्ध होगी, जो विश्वस्तरीय जैन समुदाय को आकर्षित करेगा और यहां पर जैन टूरिज्म का बड़ा हब बनेगा। पुराने मंदिर के स्थान पर नये मंदिर को बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जैन मॉडल मंदिरों के प्रसिद्ध वास्तुकार रविंद्र कोठारी की देखरेख में अगले पांच सालों में इसे पूर्ण रूप देने की योजना है। उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध जैन मुनि और मंदिर निर्माण में देश भर से धन उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाने वाले आचार्य श्रीमद विजय मुक्तिप्रभ सुरेश्वर जी महाराज के नेतृत्व में मंदिर निर्माण का काम हो रहा है।
विश्वस्तरीय कराया जा रहा निर्माण
पूरे परिसर में भव्य तरीके से जरूरी निर्माण के लिए कार्य शुरू हो गया है. निर्माण स्थल में मुख्य मंदिर को संवा शरण के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा 3डी म्यूजियम तैयार किया जा रहा है, इसमें महावीर स्वामी और जैन धर्म के प्रथम गणधर गौतम स्वामी के बीच किये गये संवाद को दर्शाया जायेगा। स्थानीय जानकारों ने बताया कि नवादा का गुनावा जैन मंदिर की पावन भूमि पर परमात्मा महावीर के अनेक समवसरण लगे हैं। यह भगवान महावीर के प्रथम गणधर गौतम स्वामी के केवल ज्ञान की भूमि है। गिरधर गौतम स्वामी ने ज्ञान प्राप्त कर अपनी प्रथम देशना यहां पर दी है।
पूरे परिसर में सूरी मंदिर, धर्मशाला, उपासना स्थल, भोजनालय आदि का निर्माण कराया जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध जैन मंदिर की नींव को तैयार करने के लिए हजारों वर्ष पूर्व इस्तेमाल होने वाली पुरातन निर्माण सामग्रियों का इस्तेमाल किया किया गया है। विद्वान पुरातत्व शास्त्रियों की देखरेख में चूना, बेल, तंबाकू, मीठा, लट्ठा, रेत आदि की मदद से बड़े-बड़े पत्थरों को जोड़कर नींव का निर्माण किया गया है। शेष निर्माण प्लिंथ फाउंडेशन तक हो रहा है।
चौमुख मंदिर निर्माण में लगेंगे लगभग पांच वर्ष
वर्ल्ड सेंटर फॉर जैनिज्म के स्वरूप में इस पूरे क्षेत्र को विकसित करने में लगभग पांच वर्षों का समय लगेगा। नवादा मेन रोड पर स्थित गुणावां जैन जल मंदिर के पुराने मंदिर को वहां से हटाकर निर्माण कार्य शुरू है। पिछले वर्ष शिलान्यास के बाद किये जा रहे निर्माण कार्य में तेजी दिख रही है। पूरे मंदिर के निर्माण में कहीं भी लोहे का छड़ नहीं लगेगा। छड़ के स्थान पर निर्माण के लिए इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी से तैयार फाइबर का सरिया लगाया जायेगा। इसके लिए निर्माण सामग्री उपलब्ध करायी गयी है।
जैन मंदिर के वास्तुकार कविंद्र कोठारी कहते हैं कि यह भूमि महावीर स्वामी के प्रथम गणधर गौतम स्वामी की केवल्य ज्ञान प्राप्ति स्थल है। वर्ल्ड सेंटर ऑफ जैनिज्म के रूप में इसे विकसित किया जा रहा है। जैन टूरिज्म के सेंटर के रूप में यह विकसित होगा। उपासना स्थल, म्यूजियम और अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी। निर्माण कार्य पूरा करने के लिए लगभग पांच वर्षों का लक्ष्य रखा गया है।