सदन में मुख्यमंत्री नीतीश की मिमिक्री करने के कारण विधान पारिषद की सदस्यता गंवाने वाले राजद के वरिष्ठ नेता और MLC सुनील कुमार सिंह की सदस्यता आज बुधवार को फिर से बहाल कर दी गई। बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने बुधवार को सदन में इसकी घोषणा की और इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश को पढ़कर सुनाया। हालांकि, निलंबन की अवधि में उन्हें कोई वेतन या भत्ता नहीं मिलेगा। यानी 7 महीने तक सदस्य नहीं रहने की अवधि का उन्हें कोई भुगतान नहीं होगा। इसके साथ ही सभापति ने सुनील सिंह से मुखातिब होकर कहा कि उम्मीद है कि अब वे सदन की मर्यादा का मान रखेंगे। सुनील सिंह की सदस्यता अब 25 फरवरी 2025 से फिर से प्रभावी होगी।
राबड़ी के बेहद करीबी हैं सुनील सिंह
सुनील कुमार सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का बेहद करीबी माना जाता है। राबड़ी देवी हर साल उन्हें राखी बांधती हैं और अपने मुंहबोले छोटे भाई की तरह मानती हैं। उनकी सदस्यता बहाल होने के बाद राबड़ी देवी ने उन्हें बधाई दी और इसे न्याय की जीत करार दिया। सुप्रीम कोर्ट से फ़ैसला आने के बाद सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यह मेरी नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की जीत है। मैं आरजेडी का सिपाही हूं और कभी एक कदम भी पीछे नहीं हटा। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने कहा था कि जो भी लड़ाई लड़नी हो, लड़ो। पूरी पार्टी तुम्हारे साथ खड़ी है।
न्यायालय के आदेश से मिली राहत
सदस्यता गंवाने के बाद सुनील सिंह ने विधान परिषद सभापति के निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने उनके बिहार विधान परिषद से निष्कासन को गलत ठहराया और उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया। इस फैसले से RJD में खुशी की लहर है। सुनील कुमार सिंह ने कहा कि वे हमेशा पार्टी और जनता की सेवा में लगे रहेंगे। राजद ने सुनील सिंह की सदस्यता बहाली को पार्टी के खिलाफ साजिश पर न्याय की जीत बताया। सुनील कुमार सिंह ने कहा कि वे पहले की तरह जनता की सेवा में तत्पर रहेंगे और पार्टी को और मजबूत करेंगे।