प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजद सुप्रीमो लालू यादव के खासमखास अमित कात्याल और उनके भाई राजेश कात्याल की 56.86 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। जांच एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में यह कार्रवाई की गई है। अमित कात्याल और उनके भाई राजेश कात्याल पर आरोप है कि उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनी, कृष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड और ब्रह्मा सिटी प्राइवेट के जरिए लोगों से फ्लैट के नाम पर पैसे लिए और उन्हें फ्लैट नहीं दिया। ईडी के अनुसार कात्याल भाइयों ने खरीदारों से लिए इन पैसे को विदेशों में भेजा और वहां निवेश किया। ईडी ने धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत ये कार्रवाई की। ईडी ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था। हालांकि कोर्ट से उन्हें जमानत भी मिल गई थी।
गुरुग्राम में ईडी ने कात्याल भाइयों के फर्म पर मार था छापा
जानकारी के अनुसार हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस और दिल्ली की EOU ने कात्याल भाइयों और उनकी कंपनियों के खिलाफ आवास के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी से कमाए गए पैसे को लंदन, श्रीलंका और सेंट किट्स जैसे देशों में निवेश किया। इस मामले की जांच के क्रम में अभी कुछ दिन पहले ही ईडी की टीम ने गुरुग्राम में अमित कात्याल की कंपनी कृष रियलटेल प्राइवेट के कार्यालय में छापा मारा था। वहां प्रवर्तन निदेशालय की टीम को 35 लाख कैश और कई दस्तावेज मिले थे। अमित और राजेश कात्याल दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं।
लालू फैमिली की शेल कंपनियों से जुड़ाव, 400 करोड़ विदेश भेजे
इससे पहले ईडी ने यह दावा भी किया था कि कात्याल एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है। आरोप है कि कात्याल ने लालू प्रसाद यादव की ओर से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से जमीन खरीदी थी। बता दें कि बिहार का लैंड फॉर जॉब घोटाला काफी चर्चा में रहा था। जिसमें आरोप थे कि जॉब के बदले बेरोजगार युवाओं से जमीन ले ली गई। कात्याल को इससे पहले ईडी ने 11 नवंबर, 2023 को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था। ईडी सूत्रों ने बताया कि कात्याल भाइयों ने फर्जी कंपनियां बनाकर इनके जरिये 400 करोड़ विदेश भेजे। इससे पहले एक छापे में जांच एजेंसी ने राजेश और अमित कात्याल के ठिकानों से 2.41 करोड़ रुपये के गहने और सिक्के जब्त किए थे। साथ ही गुरुग्राम में 70 एकड़ जमीन और फ्लैट भी जब्त किए गए थे। अमित और राजेश कात्याल दोनों भाई चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं और इनका लालू यादव से काफी करीबी नाता रहा है। दोनों लालू फैमिली की कई शेल कंपनियों से भी जुड़े रहे हैं और माना जा रहा कि वे उनमें भी आडिट वगैरह की सेवाएं देते रहे हैं।