सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश रुद्र प्रकाश मिश्रा के पिछले दस माह से बकाए वेतन लाभ देने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश जेबी पारदीवाला एवं न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि किसी भी न्यायाधीश से बिना वेतन के काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
न्यायाधीश मिश्रा के वकील ने कोर्ट को बताया कि 4 नवंबर, 2023 को उनकी नियुक्ति के बाद से उनका वेतन सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाता नहीं होने के कारण जारी नहीं किया गया है। न्यायमूर्ति रुद्र प्रकाश मिश्रा को चार नवंबर 2023 को जिला न्यायपालिका से पटना उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था। उन्हें उनकी पदोन्नति की तारीख से वेतन नहीं मिल रहा है क्योंकि उनके पास जीपीएफ खाता नहीं है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर वेतन लेने के लिए एक शर्त है।
अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीश नई पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत आते हैं और इस लिए उनके पास जीपीएफ खाते नहीं हैं। न्यायमूर्ति मिश्रा को अपना वेतन नहीं मिल पा रहा था क्योंकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एनपीएस के अंतर्गत नहीं आते हैं।
पीठ ने कहा कि वह बिहार सरकार को न्यायमूर्ति मिश्रा के लिए एक अस्थायी जीपीएफ खाता खोलने का निर्देश देगी। शीर्ष अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार तक का समय मांगा। उन्होंने पीठ को यह आश्वासन दिया कि तब तक मुद्दा सुलझ जाएगा।