दरभंगा में कोसी तटबंध टूटने के बाद बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। जमालपुर के भूभौल समेत दर्जनो गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। लेकिन इसी भयावह बाढ़ के बीच आज सोमवार को एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने नौकरी की मजबूरी को जान के डर से बड़ा साबित कर दिया। इसी बाढ़ ग्रस्त इलाके के तिकेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अपनी जान को जोखिम में डालकर मूल्यांकन करने अपने स्कूल निकल पड़े है।
दरभंगा में सबके लिए बाढ़, लेकिन गुरुजी ड्यूटी पर
यहां परीक्षा पत्र चेक करने के काम में लगे शिक्षक अपने माथे पर जांचने वाली कॉपी और हाथों में अपने चप्पल-जूते और कंधे पर अपना बैंग टांगकर जान को जोखिम में डालते हुए अपने कर्तव्य का पालन करने जाते दिखे। तस्वीर से साफ समझा जा सकता है कि शिक्षकों में विभाग के अधिकारियों का खौफ कितना ज्यादा भरा है कि कमर से ऊपर तक इलाके में बाढ़ का पानी रहने के बावजूद माथे पर मूल्यांकन वाली कॉपी को रखकर स्कूल जा रहे हैं।
बिहार सरकार के निर्देशों की हो रही अनदेखी
विदित हो कि पटना में कुछ दिन पहले ही बाढ़ग्रस्त इलाके में स्थित एक स्कूल में ड्यूटी पर जाते एक शिक्षक की नाव से गंगा नदी में गिर जाने से उसकी मौत हो गई थी। इसी के बाद बिहार सरकार ने जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां भी जाने लायक स्थिति ना हो, वहां या तो स्कूल बंद कर दिए जाएं या शिक्षकों, छात्रों और स्कूल के कर्मचारियों के लिए नाव और लाइफ जैकेट की व्यवस्था की जाए। लेकिन, कई इलाकों में बिहार सरकार के निर्देशों की अनदेखी की जा रही है।