नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खगड़े के आवास पर राजद नेता तेजस्वी यादव की राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं संग आज एक अहम बैठक हुई। राजद की तरफ से इस बैठक में तेजस्वी के साथ मनोज झा भी शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग, गठबंधन के स्वरूप और चुनावी एजेंडा को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। कहा गया कि दोनों दलों के बीच यह रणनीति बनी है कि किस तरह विपक्ष एकजुट होकर NDA को आनेवाले विधानसभा चुनाव में चुनौती दे सके। बैठक से निकलने के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मुलाकात बेहद सकारात्मक रही। जब उनके पूछा गया क्या कि क्या आप बिहार में महागठबंधन के सीएम फेस होंगे। इसपर तेजस्वी यादव ने कहा, ‘पता नहीं आप लोग क्यों चिंतित रहते हैं। हम लोग आपस में बैठ कर सब समझ लेगें’।
तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं की अगली बैठक 17 अप्रैल को होगी। इस बैठक में पटना में महागठबंधन की अन्य सहयोगी पार्टियों, वामदलों के साथ बातचीत की जाएगी। उधर महागठबंधन को मीडिया में कन्फ्यूजन है क्योंकि जहां पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस कन्हैया कुमार और कृष्णा अल्लावरु के जरिए बिहार में अपनी ताकत मजबूत करने के प्रयास में जुटी है। वहीं कांग्रेस के अजित शर्मा, कृष्णा अल्लावरु, सचिन पायलट सरीखे नेता मीडिया के सामने आकर कह चुके हैं कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं है। विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद विधायक अपना सीएम तय करेंगे। जबकि हाल की जनसभाओं में तेजस्वी यादव खुद को सीएम के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट करते जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस इस बात को लगातार कह रही है कि वह महागठबंधन में रहकर ही चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बिहार चुनाव को लेकर पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों की डिमांड कर रही है। माना जा रहा है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक करने के लिए ही मल्ल्किार्जुन खड़गे, रहुल और तेजस्वी यादव ने आज एक साथ बात मिलकर बात की है। यहां बता दें कि 17 अप्रैल को पटना में महागठबंधन की बैठक होने वाली है, उससे पहले कांग्रेस और आरजेडी के शीर्ष नेताओं की अलग से होने वाली बैठक पर सबकी नजर टिकी थी। बैठक के बाद तेजस्वी ने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं। हम बिहार को मजबूती के साथ आगे ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। 20 साल से बिहार और 11 साल से केंद्र में NDA सरकार है। इनके 20 साल के शासन के बावजूद आज भी बिहार देश में सबसे गरीब है, प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और सबसे ज्यादा पलायन यहां से होता है। हम मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और इसी के लिए हम महागठबंधन में एकजुटता के साथ इनको आगामी चुनाव में बेनकाब करने के लिए यहां जुटे हैं।