नवादा : गंगा जल उद्वह योजना के नाम पर जिले के नारदीगंज प्रखंड के मोतनाजे व मधुवन गांव के महादलित व पिछड़े समाज की बस्ती को उजाड़ने की कोशिश हो रही है। इस संबंध में गांव के लोगों ने अपनी आवाज अधिकारी से लेकर मंत्री तक पहुंचायी है। मधुवन व मोतनाजे के खेतीहर मजदूरों ने पटना में अधिकारी व मंत्री को ज्ञापन देने पहुंचे, जहां सांसद पप्पू यादव को भी यह आवेदन दिया था।
मंगलवार को पप्पू यादव मोतनाजे गांव पहुंच कर किसानों की लड़ाई लडने का आश्वासन दिया। पप्पू यादव ने कहा कि गंगा जलापूर्ति योजना से गांव के सैकड़ों परिवारों का रोजी-रोटी पर संकट आ जायेगा। खेती व पशुपालन का साधन समाप्त हो जायेगा। स्थानीय लोगों की समाप्त होगी आजीविका:- ग्रामीणों ने बताया कि खेती मजदूरी एवं पशुपालन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इसमें खास कर सुअर, बकरी, गाय आदि पालन होता है। हमारे गांव के बगल में पहाड़ व नदी है। इससे मवेसियों को चराने में मदद मिलती है।
मधुवन के पास राजगीर में गर्म पानी का (52) कुंडों में से तीन कुंड यहीं है। यह कुंड राजगीर से भी ज्यादा गर्म पानी का कुंड है। इसमें स्नान करने से चर्म रोग पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है। यहां के लोगों के पास थोड़ा-थोड़ा जमीन है, जिससे खेती व मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। लगभग 1500 परिवार रहते हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को भी इस संबंध में आवेदन देकर योजना का स्थान बदलने की मांग की गयी।
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव को गंगाजल आपूर्ति योजना फेज- टू के तहत जलाशय निर्माण के लिए विस्थापित किया जा रहा है। इस कारण खेती व पशुपालन नहीं हो पायेगा। गांव के नजदीक में गेहलौर के पास एक हजार एकड़ बंजर भूमि पड़ा है, जो बिहार सरकार की भूमि है और गेहलौर के पास तेतर जलाशय का निर्माण फेज-1 के तहत किया जा चुका है। इस स्थान पर इसके लिए जलाशय का निर्माण होने से कोई नुकसान भी नहीं होगा।
पप्पु यादव ने मदद का दिलाया भरोसा
गांव पहुंचे पप्पू यादव का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया व अपनी समस्याओं का रोना रोया। पप्पू यादव ने स्थानीय ग्रामीणों की समस्या को लेकर सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाने की बात की। ग्रामीण राजेऊ यादव व अन्य लोगों ने गांव वालों को विस्थापित करने से रोकने की मांग की। मधुवन एवं मोतनाजे के ग्रामीणों ने कहा कि यदि बात नहीं मानी जायेगी, तो आत्मदाह करने पर मजबूर हो जायेंगे।
गंगाजल आपूर्ति योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
गंगाजल आपूर्ति योजना के द्वितीय चरण के पहले दौर में मधुवन जलाशय (27 एमसीएम) का निर्माण 141.03 एकड़ भूमि पर होगा। इसके लिए गांव वालों का भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन करने की बात सरकार की ओर से की जा रही है। भू-अर्जित किये जाने वाले सभी भूखंडों की संख्या 277, भू-अर्जित किये जाने वाले कुल क्षेत्रफल की चौहदी उत्तर-पहाड़, दक्षिण-पंचाने नदी, पूरब जलशोधन संयत्र, पश्चिम – मधुवन हैं।
भईया जी की रिपोर्ट