मुजफ्फरपुर में पुलिस को नशा विरोधी अभियान के तहत बड़ी कामयाबी मिली है। अहियापुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने दो
महिलाओं को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों महिलाएं रिश्ते में बहन हैं और अपने पिता के जेल जाने के बाद उसका नशे का कारोबार चला रहीं थीं। इस मामले में पुलिस ने कुछ और लोगों को भी पकड़ा है। फिलहाल पुलिस नशे के इस पूरे कारोबारी नेटवर्क को खंगाल रही है। बताया गया कि पुलिस ने बालूघाट में छापा मारकर वहां से कुछ लोगों को पकड़ा और उनसे पूछताछ की तो पता चला कि ये लोग अहियापुर के विजय छपरा से स्मैक लाते हैं। इसके बाद पुलिस ने विजय छपरा में छापा मारकर दोनों बहनों को गिरफ्तार किया। उनके पास से स्मैक और पैसे बरामद हुए हैं। इन महिलाओं का पिता पहले ही स्मैक तस्करी के आरोप में जेल में बंद है।
पुलिस ने यह कार्रवाई सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के बालूघाट इलाके में देर रात की। वहां से कुछ संदिग्धों को पकड़ा गया और उनके पास से स्मैक की पुड़ियां बरामद हुईं। पूछताछ में इन आरोपितों ने बताया कि वे अहियापुर थाना क्षेत्र के विजय छपरा गांव से स्मैक लाते थे। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की और वहां से दो बहनों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, पिता के जेल जाने के बाद, इन दोनों बहनों ने ही नशे के पूरे कारोबार की जिम्मेदारी संभाल ली थी। वे स्मैक को स्थानीय स्तर पर बेचती थीं। शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर नशे की पुड़िया सप्लाई करती थीं। बालूघाट इनका मुख्य ठिकाना था।
गिरफ्तार महिलाओं के पास से 50–60 पुड़िया स्मैक और लगभग 5,000 रुपये नकद बरामद हुए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ये दोनों बहनें स्थानीय स्तर पर स्मैक की सप्लाई करती थीं और शहर के अलग-अलग इलाकों में अड्डे बनाकर बिक्री करती थीं। बालूघाट के रास्ते नशे की खेप को शहर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाया जाता था। नगर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल ने बताया कि शहर में बढ़ते नशे के कारोबार पर नकेल कसने के लिए पुलिस पूरी तरह से कटिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमने कई तस्करों को जेल भेजा है और इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं। कोई भी व्यक्ति अगर स्मैक की तस्करी या खरीद-बिक्री में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”