दिल्ली से पटना होते हुए हावड़ा तक के लिए बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है। इसको लेकर बिहार में सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। सर्वे रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय को सौंप दी गई है। यह बुलेट ट्रेन दिल्ली से पटना सिर्फ 4 घंटे में और पटना से कोलकाता (578 किमी) की दूरी सिर्फ 2 घंटे से थोड़ा अधिक समय में तय करेगी। अभी दिल्ली से पटना के सफर में करीब 12—14 घंटे और पटना से कोलकाता के सफर में करीब 6 घंटे लगते हैं। इस प्रोजेक्ट से बिहार और पूर्वी भारत के लोगों को बड़ी सुविधा मिलने वाली है। बिहार में 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन को लेकर सर्वे का काम पूरा हो गया है। इसकी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है।
दिल्ली से हावड़ा तक 1669 किमी महज 6 घंटे में
बुलेट ट्रेन दिल्ली-हावड़ा (वाया पटना) के बीच 1,669 किमी का सफर सिर्फ साढ़े 6 घंटे में पूरा करेगी। वहीं, पटना से दिल्ली की 1,000 किमी की दूरी अब 12-14 घंटे के बजाय सिर्फ 4 घंटे में तय होगी। बिहार में बुलेट ट्रेन का सिर्फ एक स्टॉपेज होगा जो फुलवारी शरीफ के पास बनेगा। इसके लिए स्पेशल स्टेशन बनाया जाएगा। बुलेट ट्रेन पकड़ने के लिए यात्रियों को इस अलग स्टेशन पर पहुंचना होगा। पटना से रवाना होने के बाद अगला स्टॉप बंगाल के आसनसोल में होगा।करीब 5 लाख करोड़ रुपए की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। ट्रेन दिल्ली से लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, पटना होते हुए हावड़ा पहुंचेगी। इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण दिल्ली से वाराणसी (लखनऊ और अयोध्या के रास्ते) तक है, जिसे 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है। दूसरा चरण वाराणसी से हावड़ा (पटना के रास्ते) तक होगा।
बिहार में केवल पटना में स्टॉपेज, अलग स्टेशन
बुलेट ट्रेन बनारस से मुगलसराय, बक्सर, पटना, किऊल, आसनसोल होते हुए हावड़ा जाएगी। पटना बिहार का एकमात्र स्टॉप होगा। इसके बाद अगला स्टॉप पश्चिम बंगाल के आसनसोल में होगा। रेलवे ने जानकारी दी है कि बुलेट ट्रेन के लिए बिहार में अलग से कॉरिडोर नहीं बनाया जाएगा। मौजूदा रेल ट्रैक के समानांतर दो और हाई स्पीड ट्रैक बिछाए जाएंगे, जिस पर बुलेट ट्रेन चलेगी। यह ट्रैक पूरी तरह से अलग और विशेष रहेगा। इन ट्रैकों पर सामान्य गाड़ियां नहीं चलेंगी। फिलहाल जमीन अधिग्रहण की योजना नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर किसानों से जमीन ली जाएगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बिहार में पहले से ही तीन लाइन गुजर रही हैं। चौथे रूट पर खर्च करना उचित नहीं होगा।