बिहार में गंगा और इसकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ते रहने से बाढ़ के हालात विकराल हो गए हैं। बक्सर से लेकर भागलपुर तक दियारा क्षेत्र के बाद अब शहरी क्षेत्रों में भी पानी प्रवेश कर गया है। अस्त-व्यस्त जनजीवन के बीच लोग मजबूरन घर छोड़ने के लिए बाध्य हो रहे हैं। आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया। मौके पर सीएम के साथ वरीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।
पटना में जलस्तर में लगातार वृद्धि, मंडराया खतरा
पटना के गंगा से सटे ग्रामीण और शहरी इलाकों में जलस्तर लगातार बढ़ने से बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। बाढ़ का असर पटना के साथ-साथ बेगूसराय, समस्तीपुर, भागलपुर, भोजपुर और बक्सर तथा अन्य जिलों में दिख रहा है। पटना के दियारा क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। दीघा के पास बसे कई घरों में बाढ़ जैसे हालात हो गये हैं। बाढ़ अनुमंडल के कई इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ गये हैं।
समस्तीपुर में गंगा खतरे के निशान से 2.05 सेमी ऊपर
समस्तीपुर जिले से गुजरने वाली गंगा बीते दिन शाम को खतरे के निशान से 2.05 सेमी ऊपर बह रही थी। खबर यह है कि जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि के कारण मोहनपुर मोहिउद्दीन नगर और विद्यापति नगर प्रखंड के 25 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कई जगहों पर सड़क संपर्क भंग हो गया है। खासकर मोहनपुर प्रखंड के गांव की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां धरनी पट्टी पंचायत के अधिकतर गांव से जिला और प्रखंड मुख्यालय का संपर्क खत्म हो गया है। इन इलाकों के कुल 39 प्राइमरी और मध्य विद्यालय को तत्काल बंद कर दिया गया है।
बक्सर से भागलपुर तक सभी गंगा तटीय इलाके जलमग्न
कमोबेश यही हाल बक्सर, लखीसराय और मुंगेर तथा भागलपुर के दियारा इलाके की है। यहां के दियारा और गंगा से सटे ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र के नीचले इलाकों में पानी भर गया है। लोग पलायन कर सड़कों और रेल लाइनों पर शरण ले रहे हैं। उधर सुपौल में कोसी नदी में पुल का 200 मीटर एप्रोच पथ बह गया। इससे सुपौल का दरभंगा, मधुबनी के दर्जनों गांव से संपर्क टूट गया। अब यहां नाव ही एकमात्र सहारा बना हुआ है। वैशाली में भी गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से राघोपुर दियारा क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है।