नवादा : जिले में भ्रष्टाचार के आगे जिला प्रशासन नतमस्तक है। तभी तो भ्रष्टाचार चरम पर है। शायद ही कोई ऐसा विभाग हो जहां भ्रष्टाचार न हो। तभी तो इसे उजागर करने वालों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है ताकि भ्रष्टाचार पर पर्दा पड़ा रहे। ताजा मामला गोविन्दपुर प्रखंड खखन्दुआ विद्यालय में जांच के नामपर बीईओ दिगम्बर ठाकुर ने शिक्षकों के साथ जो कुकृत्य किया उसकी एसीएस ने जांच प्रतिवेदन की मांग डीएम से की। पहले तो जांच में आनाकानी फिर जांच में आरोपों की मौखिक व लिखित पुष्टि के बावजूद अबतक कार्रवाई के नाम पर फलाफल शून्य रहा।
मनरेगा में रजौली प्रखंड के हरदिया में बरसात में भी सात तालाबों की कागज पर जल रही खुदाई का प्रमाण के साथ छपी खबर को ठंडे बस्ते में डालने का काम किया जा रहा है। कौआकोल में फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्त शिक्षक की सेवा डीईओ ने रद्द कर कार्रवाई के लिए नियोजन इकाई को आदेश निर्गत किया लेकिन अबतक कार्रवाई नहीं करने पर पुनः डीईओ ने स्मारित किया। बावजूद कार्रवाई नहीं। पकरीबरांवा पीडीएस में अनियमितता की खबर छापने वाले को ही प्रशासन की मिलीभगत से झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया लेकिन अबतक आरोपों की जांच तक करना अधिकारियों ने मुनासिब नहीं समझा।
जहांतक पुलिस प्रशासन की बात करें तो लकड़ी चोर थानाध्यक्ष को अबतक न केवल बचाया जा रहा है बल्कि पुरस्कृत किया जा रहा है। जबकि एक मामले में न्यायालय ने उनके विरुद्ध प्रतिकूल टिप्पणी तक की है। एक अन्य मामले में भी एक दारोगा से दो हजार रुपये वेतन से काटने का आदेश न्यायालय ने दिया है। बावजूद वैसे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बजाय प्रोत्साहित किया जा रहा। ऐसे कई मामले भरे पड़े हैं। फेहरिस्त लम्बी है। ये तो कुछ बानगी मात्र है। ऐसे में कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार के आगे जिला प्रशासन नतमस्तक है।
भईया जी की रिपोर्ट