बजट में तोहफों की बारिश के बाद अब रेलवे ने भी बिहार के लिए झोली खोल दी है। राज्य के 92 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नए सिरे से तो बनाया ही जा रहा है, इसके साथ ही पटना के चारों स्टेशनों को भी बढ़ती भीड़ को देखते हुए नए अंदाज में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा किउल-गया रेलखंड का दोहरीकरण अगले माह पूरा होने के बाद इस रेलखंड पर वाराणसी से गया-किउल होते हुए देवघर या हावड़ा के लिए वंदे भारत ट्रेनें चलाई जायेंगी।
पटना के चारों स्टेशनों का विस्तार और कायाकल्प
पू.म. रेलवे जीएम छत्रसाल सिंह ने बताया कि पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल, दानापुर और पाटलिपुत्र स्टेशन पर अगले 50 सालों में बढ़ने वाली भीड़ को देखते हुए नए सिरे से योजना बनाई जा रही है। पटना जंक्शन के पास हार्डिंग पार्क स्टेशन को विकसित किया जा रहा है। जल्द ही यह स्टेशन 5 प्लेटफॉर्म वाला हो जाएगा और यहां से पटना-गया रूट को छोड़कर बाकी सभी रूटों पर चलने वाली सवारी गाड़ियों का परिचालन होगा। वंदे भारत ट्रेनें भी हार्डिंग पार्क स्टेशन से ही चलाई जायेंगी।
आरा में बाइपास लाइन, नेउरा-दनियावां रूट पर परिचालन
इसके अलावा पाटलिपुत्र स्टेशन के पास 200 करोड़ रुपये की लागत से एक नया कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। साथ ही बस अगले माह यानी अगस्त से ही आरा स्टेशन की बाईपास लाइन शुरू हो जाएगी। इससे सासाराम की तरफ से आने वाली ट्रेनों से मेन लाइन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, नेउरा-दनियावां रेलखंड 2025 के मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा। अगले महीने से जटडुमरी स्टेशन से दनियावां के बीच DMU ट्रेनें चलने लगेंगी। इस बार के रेल बजट में भभुआ से दिलदारनगर के बीच नई रेल लाइन के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है।