यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के एक आदेश का असर यह हुआ कि मुजफ्फर नगर में 25 वर्षों से संचालित होटल संगम रातोंरात सलीम ढाबा बन गया। ऐसा मुख्यमंत्री द्वारा कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानों के आगे उसके मालिकों का नेमप्लेट लगाने के सख्त आदेश के बाद हुआ। यूपी में कांवड़ रूट पर आने वाले दुकानदारों को अपने नाम का बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस आदेश का असर भी दिखने लगा है। संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय अब सलीम ढाबा, टी प्वाइंट अब वकील अहमद टी स्टॉल तो मां भवानी जूस कॉर्नर अब फहीम जूस केंद्र हो गया है। मुजफ्फर नगर और दिल्ली—देहरादून हाईवे पर ये सभी दुकानें मुसलमानों की हैं और पांच से 25 वर्षों पुरानी हैं। लेकिन अब तक इन दुकानों के नाम हिंदुओं के नाम पर रखे हुए थे। अब नए आदेश के बाद इन दुकानों का नाम अनके मालिक के नाम पर रखना पड़ा है। अहम बात यह कि ये सभी दुकानें कांवड़ रूट पर स्थित हैं।
इन सभी दुकान मालिकों का कहना है कि अपना नाम और पहचान उजागर करने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। शासन ने आदेश दिया है कि 22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए भक्तों की आस्था और शुचिता हेतु यह जरूरी है। हम सभी लोग शासन के आदेश का पालन कर रहे हैं। योगी सरकार ने ये आदेश भी किया है कि कांवड़ रूट पर हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने पर भी कार्रवाई की जाएगी।