बिहार विधान परिषद की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए आज मंगलवार को NDA ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। उपचुनाव वाली यह सीट JDU के खाते में गई है। जदयू ने ललन प्रसाद को इस सीट के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। ललन प्रसाद अतिपिछड़ा समाज की धानुक जाति से आते हैं और समता पार्टी के समय से ही वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे हैं। बिहार विधान परिषद की यह सीट लालू परिवार के काफी करीबी पूर्व एमएलसी सुनील सिंह की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई है। आज ही सुप्रीम कोर्ट ने निष्कासन के खिलाफ दायर सुनील सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें कड़ी नसीहत दी है। बिहार विधान परिषद की यह खाली हुई सीट एनडीए में जदयू के खाते में आई है।
स्थापना काल से पार्टी से जुड़े हैं ललन
जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीए ने ललन प्रसाद को अपने गठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और जदयू के वरिष्ट नेताओं के साथ ही एनडीए गठबंधन के अन्य नेता मौजूद रहे। 52 साल के ललन प्रसाद पार्टी की स्थापना काल से ही जनता दल यूनाइटेड से जुड़े हुए हैं। ललन प्रसाद शेखपुरा के रहने वाले हैं और वे वर्ष 2001 से वर्ष 2005 तक घाट कुसुंबा प्रखंड के जदयू अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके बाद ललन प्रसाद साल 2009 से 2013 तक शेखपुरा में जदयू के जिला उपाध्यक्ष रहे। इसके साथ ही उन्हें अस्थावां के विधानसभा प्रभारी का दायित्व भी पार्टी ने सौंपा था। उनकी सक्रियता और पार्टी संगठनात्मक क्षमताओं को देखते हुए ही एनडीए का एमएलसी उम्मीदवार बनाया गया है।
जदयू संगठन में संभाल चुके कई जिम्मेदारी
ललन प्रसाद शेखपुरा के जिला परिषद सदस्य और उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वह शेखपुरा में पार्टी और संगठन विस्तार के लिए लगातार सक्रिय रहे हैं। जदयू नेता ललन प्रसाद समता पार्टी के गठन के समय से ही काफी सक्रिय रहे और पूरी निष्ठा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी और संगठन के लिए काम करते रहे। वह तीन बार जिला पार्षद रहे हैं और उनकी छवि एक बेदाग नेता के रूप में है। एनडीए ने सर्व सम्मति से उन्हें एमएलसी उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।