बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। इसको लेकर RJD नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में वोटर लिस्ट के रिवीजन से सन्नाटा पसरा हुआ है। सीएम के गांव कल्याण बिगहा में लोगों के पास सिर्फ आधार कार्ड है, मगर चुनाव आयोग इसे रद्दी बता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में भी चुनाव आयोग के तुगलकी कदम के कारण वोटर मतदान नहीं कर पायेंगे। आयोग द्वारा आधार कार्ड को अमान्य घोषित करने के फैसले को उन्होंने गरीबों के मताधिकार पर हमला बताया।
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग ने 22 साल बाद बिहार में वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण शुरू किया है। इसके तहत, बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं से उनके जन्म प्रमाणपत्र या पहचान दस्तावेज मांग रहे हैं। लेकिन, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को मान्य नहीं किया जा रहा, जिससे लाखों लोग परेशान हैं। तेजस्वी ने दावा किया कि नीतीश के गांव के लोगों के पास सिर्फ आधार कार्ड है लेकिन चुनाव आयोग उसे मताधिकार के लिए मान्यता नहीं दे रहा। ऐसे में ऐसे लोग अपने जायज हक मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित हो जायेंगे।
तेजस्वी ने कहा कि मोदी-नीतीश-शाह गठबंधन ने चुनाव आयोग को गरीबों, दलितों और पिछड़ों का वोट रोकने का काम सौंपा है। उन्होंने कहा कि बिहार से 20% लोग रोजी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों में हैं। उनके पास इतने कम समय में नए दस्तावेज बनवाना मुश्किल है। यह साफ तौर पर वोटर सप्रेशन की साजिश है। चुनाव आयोग की वोटिंग शर्त्तों के कारण बिहार के वोटरों में भ्रम की स्थिति बन गई है। गांव—गांव में लोग अपने कागजात लेकर भटक रहे हैं। बीएलओ उनसे कह रहे हैं कि नया प्रमाणपत्र बनवाइये वर्ना आप वोट नहीं डाल सकते।