दो चरणों में बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब सभी की निगाहें 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। लेकिन इससे पहले चुनाव को लेकर हुए सभी एक्जिट पोल में एनडीए को बहुमत देने की बात कही गई। इसपर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भड़क पड़े हैं। आज बुधवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस बार बदलाव होने जा रहा है। 14 नवंबर को परिणाम और 18 नवंबर को शपथ ग्रहण होगा। भाजपा, एनडीए के लोग बौखलाहट में हैं। उन्होने एग्जिट पोल को नकारते हुए कहा कि जितने भी अधिकारी चुनाव में लगे हैं, उनके दवाब में ये सर्वे लाए गए हैं। अगर सैंपल साइज पूछा जाए तो कोई नहीं बता पाएगा। उन्होंने कहा कि ‘हमने पहले कहा था कि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे और 18 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह होगा। यह निश्चित रूप से होने जा रहा है। हमें जो फीडबैक मिल रहा है, उसने भाजपा-एनडीए को परेशान कर दिया है’।
महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी ने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार पूरी मजबूती से बदलाव के पक्ष में मतदान किया है और महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है। बिहार की जनता का आशीर्वाद हमें मिल चुका है। आप लोग मेरी बात लिख लीजिए। 14 नवंबर को मैं मुख्यमंत्री बनने जा रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि इस बार लोगों का उत्साह और समर्थन 1995 से भी बेहतर देखने को मिला है। जनता ने भारी मतदान कर मौजूदा सरकार के खिलाफ वोट दिया है। यह जनता का स्पष्ट जनादेश है कि अब बिहार में बदलाव तय है। तेजस्वी ने कहा कि लोगों ने बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट दिया है और आने वाला परिणाम बिहार की नई दिशा तय करेगा।
तेजस्वी ने आगे कहा कि एनडीए वाले बौखलाहट में और बेचैन हैं। कल वोटिंग के दौरान लोग बड़ी कतारों में खड़े थे। लोग खड़े रहे और एग्जिट पोल आता है यानी मतदान अभी खत्म नहीं हुआ कि एग्जिट पोल आ गया। इस तरह के सर्वे को लेकर हम न किसी खुशफहमी में रहते हैं और न ही गलत फहमी में रहते हैं। ये सर्वे केवल मनोवैज्ञानिक तौर पर जितने भी अधिकारी चुनाव में लगे हुए हैं, उनके दबाव में लाया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि 2020 के चुनाव से इस बार के मतदान की तुलना करें तो 72 लाख लोगों ने ज्यादा मतदान किया है। यह काफी बड़ा आंकड़ा है और हर विधानसभा में वोट बढ़े हैं। यह मत बदलाव के लिए पड़े हैं। सरकार बदलने जा रही है।