बिहार में एनडीए नेताओं के दामादों को आयोग में पद मिलने और जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील बनाने पर बवाल मच गया है। राजद ने जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का वकील बनाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि एनडीए के लोग गरीबों और वंचितों की हकमारी कर अपने बेटी और दामादों को लाभ पहुंचाने में जुटे हैं। लेकिन राजद चुप नहीं बैठेगा तथा जनता को एनडीए वालों की हकीकत बताएगा। बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश सरकार को अब बिहार में जमाई आयोग का गठन कर देना चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि बिहार सरकार ने संजय झा की दोनों बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनाया है। यह पद बेहद अनुभवी अधिवक्ताओं को दिया जाता है। लेकिन जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर दोनों बेटियों को महत्वपूर्ण जगह दिला दी।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज अपने एक्स हैंडल से जदयू नेता संजय झा की बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील बनाने संबंधी केंद्र सरकार के आदेश की कॉपी पोस्ट करते हुए लिखा कि यह साफ—साफ पिछड़ों और दलितों की हकमारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी राज्य में हाल में गठिक आयोगों में चिराग पासवान के बहनोई, जीतन मांझी के दामाद और अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को जगह दिये जाने को लेकर पांच सवाल पूछे हैं। इसके साथ ही तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि सरकार को एक जमाई आयोग का भी गठन कर देना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक करीबी अधिकारी को लेकर भी तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे अधिकारी के खिलाफ जांच चल रही है। नीतीश कुमार का अब कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। महिला आयोग के सदस्य के रूप में मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारी की पत्नी की नियुक्ति की गई है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अचेत अवस्था में हैं। बिहार में पूरी तरह से लॉ एंड ऑर्डर डिसऑर्डर हो गया है। भ्रष्टाचारी ब्लॉक से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक चरम सीमा पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि सीएम की नाक के नीचे क्या हो रहा है? मुख्यमंत्री को कुछ पता नहीं रहता है। आप देखिएगा जो भूंजा पार्टी है, जो शाम में बैठकर भूंजा खाते रहते हैं, इन लोगों को वोट लेना-देना नहीं होता है। केवल ये लोग मलाई मारने की फिक्र में रहते हैं। लेकिन इस सबके बीच बिहार और इसकी गरीब—गुरबा जनता का बंटाधार हो रहा है। किसकी दो बेटियां सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील बनी हैं। क्या उनसे अच्छा कोई वकील नहीं है।