राजद नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बीते दिन चुनावी सभाओं में दर्द से बेचैन दिखे। लोगों ने साफ देखा कि सभा के बाद उन्हें मंच से राजद कार्यकर्ता सहारा देकर नीचे उतार रहे हैं। लेकिन अधिकतर लोग यह समझ नहीं सके कि ऐसा क्यों हो रहा है। लेकिन जब आज शनिवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर तेजस्वी ने यह जानकारी दी कि उन्हें चुनावी भागदौड़ के कारण कमर में दर्द हो रहा है। यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपने दर्द को युवाओं के बेरोजगारी वाले दर्द से जोड़ा, उनका मकसद क्लियर हो गया।
एनडीए ने सहानुभूति बटोरने के लिए नाटक कहा
एनडीए ने तेजस्वी के इस चुनावी दर्द को महज नाटक बताते हुए जनता की सहानुभूति बटोरने का सस्ता तरीका करार दिया। तेजस्वी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि उनकी कमर में दर्द है, जो बढ़ गया है। लेकिन जैसे ही उन्होंने आगे बताया कि उनका दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे कुछ भी नहीं, उनपर सस्ती सहानुभूति बटोरने को लेकर हमले किये जाने लगे।
ममत बनर्जी ने भी टूटे पैर के साथ किया था प्रचार
वरिष्ठ पत्रकार और चुनाव विश्लेषक राकेश प्रवीर याद करते हुए बताते हैं वर्ष 2021 में बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैर में चोट लग गई थीं। चोट के बाद ममता ने व्हील चेयर पर कार्यकर्ताओं से सहारा लेकर सारा चुनाव कैंपेन चलाया और लोगों की खूब सहानुभूति बटोरी। अब तेजस्वी के चुनावी दर्द को भी चुनाव विश्लेषक ममता बनर्जी के पैर टूटने की घटना से जोड़कर भी देख रहे हैं। बिहार में यह चर्चा गरम है कि शायद तेजस्वी यादव भी 2024 के चुनावों में ममता वाली ही कोशिश कर रहे हैं।
पढ़े, तेजस्वी ने एक्स अकाउंट पर जो लिखा….
अपने कमर दर्द पर तेजस्वी ने जो आगे लिखा, उससे भी उनके असल मकसद को समझा जा सकता है। तेजस्वी ने लिखा कि— बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे मेरा दर्द कुछ भी नहीं। ये युवा नौकरी-रोजगार की आस में बैठे हैं। इनके सपनों को विगत 10 वर्षों में धर्म की आड़ में कुचला गया है। मैं अपने दर्द को भूल जाता हूं जब देखता हूं कैसे गरीब माताओं-बहनों को महंगाई के कारण रसोई चलाने में भारी पीड़ा का अनुभव होता है। किसान भाइयों को सिंचाई के साधन व फसल का उचित दाम नहीं मिलने तथा संसाधनों के अभाव एवं रोजी-रोटी के लिए लाखों साथियों के पलायन का कष्ट देखता हूं, तो मुझे मेरा दर्द महसूस भी नहीं होता।