बिहार चुनाव में बंपर जीत के बाद अब बीजेपी ने बागी तेवर दिखाने वाले अपने पूर्व सांसद के केंद्रीय मंत्री रहे आरके सिंह पर गाज गिरा दी है। पार्टी ने आरा के पूर्व सांसद और पूर्व नौकरशाह राजकुमार सिंह उर्फ आरके सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया है। बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह पर यह कार्रवाई उनके हालिया बयानों और पार्टी विरोधी गतिविधियों के मद्देनजर की है। चुनाव के दौरान उन्होंने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे और प्रशांत किशोर के बयानों का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री व पार्टी की सभाओं से दूरी बना ली थी। उनके इस कृत्य से चुनाव के दौरान बीजेपी असहज हो गई थी। आरके सिंह ने हाल में बीजेपी की पार्टी लाइन से बाहर जाकर कई बयान दिए थे। इसे बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधि माना और उन पर ये बड़ा एक्शन ले लिया।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान पूरे समय आरके सिंह कहीं भी न तो पार्टी के प्रचार में नजर आए और न ही बीजेपी के समर्थन में कोई बयान दिया। उल्टे चुनावी कैंपेन के दौरान कई मौकों पर पार्टी नेताओं के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। इससे बीजेपी को ये डर हो गया कि विधानसभा चुनाव में राजपूत चेहरे का ये बगावती तेवर कहीं पार्टी के शाहाबाद रेंज के अलावा बाकी सीटों पर भी क्षत्रिय वोटों का नुकसान न पहुंचा दे। इसीलिए BJP ने चुनाव से पहले पवन सिंह को अपने पाले में कर आरके सिंह की बगावत पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश की। नतीजा बीजेपी के पक्ष में ही गया। अब बिहार चुनाव के नतीजों में बंपर जीत मिलने के बाद बीजेपी ने अपने बागी नेताओं पर गाज गिरानी शुरू कर दी जिसकी जद में सबसे पहले आरके सिंह आए हैं।
बताया जाता है कि आरा से लोकसभा चुनाव हारने के बाद से ही आरके सिंह पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे। उनका आरोप था कि उन्हें बाहरी विपक्ष ने नहीं, बल्कि बीजेपी के ही कुछ अंदरूनी लोगों ने हरवाया, जिससे उनकी बेचैनी और पार्टी से दूरी बढ़ती चली गई। दरअसल, बीजेपी द्वारा भोजपुरी सुपरस्टार और सिंगर पवन सिंह को पार्टी में शामिल किए जाने के बाद आरके सिंह का स्थानीय और राजनीतिक प्रभाव काफी कम हो गया। आरा और उसके आसपास सीमित पकड़ रखने वाले आरके सिंह के मुकाबले पवन सिंह पूरे बिहार में बड़ी लोकप्रियता रखते हैं, जिससे संगठन में शक्ति संतुलन बदल गया। इसी का नतीजा बिहार चुनाव के रिजल्ट में भी देखने को मिला।