तेज प्रताप यादव ने राजद में जयचंद किसे कहा, इस पर अभी तक किसी ने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी से निष्कासन के बाद पहली बार खुलकर अपनी बात रखने वाले तेज प्रताप यादव को राजद सांसद सुधाकर सिंह का साथ मिल गया है। उन्होंने तेज प्रताप के पार्टी से निष्कासन का विरोध कर दिया है। प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद के बेटे और बक्सर से राजद सांसद सुधाकर सिंह ने साफ कहा कि तेज प्रताप ने कोई गलत काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि हिंदू रीति—रिवाजों में 2—3 शादियां करना वैध है। लालू यादव को अपने बेटे के फैसले को स्वीकार करना चाहिए। सुधाकर सिंह के बयान के बाद बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के परिवार में फिर कलह मच गई है। लालू यादव ने बड़े बेटे तेज प्रताप को पार्टी से निकाल दिया है, जिसका राजद सांसद सुधाकर सिंह ने विरोध किया है।सांसद सुधाकर सिंह के इस बयान के बाद बिहार की सियासत में हंगामा मच गया, खासकर राजद के टॉप लीडरशीप में।
तेज प्रताप ने कोई गलती नहीं की, 2 शादियां वैध
सुधाकर सिंह ने ना सिर्फ दो शादियों पर अपनी राय रखी बल्कि इसके लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के पिता राम विलास पासवान का उदाहरण भी पेश किया। तेज प्रताप ने कल ही अपने सोशल मीडिया पोस्ट में राजद में मौजूद ‘जयचंद’ का जिक्र किया था जो उनके और उनके छोटे भाई और परिवार के बीच मतभेद खड़ा कर रहे हैं। तेज प्रताप के इस खुलासे के बाद राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा, “तेज प्रताप ने कोई गलत या अनैतिक काम नहीं किया है। हिंदू रीति-रिवाजों में दो-तीन शादियां करना वैध माना गया है। हमने समाजवादी विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया की किताबों में भी पढ़ा है कि ऐसे मामलों को सामाजिक स्वीकृति प्राप्त है। लालू प्रसाद यादव को एक पिता के रूप में अपने बेटे के फैसले को स्वीकार करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि स्वर्गीय रामविलास पासवान जी ने भी अपनी पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी की थी, जिससे चिराग पासवान का जन्म हुआ। यह कोई नई बात नहीं है।
पोस्ट वायरल होते ही लालू ने पार्टी से निकाला
यह विवाद तब शुरू हुआ जब तेज प्रताप ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अनुष्का यादव के साथ एक तस्वीर साझा कर 12 साल पुराने प्रेम संबंध का खुलासा किया। बाद में उन्होंने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था और तस्वीरें एआई-जनरेटेड थीं। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद लालू प्रसाद ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया। लालू ने सोशल मीडिया पर कहा कि तेज प्रताप का आचरण पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है, जो सामाजिक न्याय के लिए पार्टी के संघर्ष को कमजोर करता है। अब सुधाकर सिंह के बयान ने इस मामले को और गर्म कर दिया है। इसी बीच तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में ‘जयचंद’ का जिक्र करते हुए तेजस्वी यादव को अर्जुन और खुद को कृष्ण बताया। पार्टी और परिवार से तेज प्रताप यादव को बेदलखल करने के लालू यादव के फैसले के पीछे राजद के इसी जयचंद का हाथ होने की तरफ तेज प्रताप यादव ने इशारा किया है।