आरजेडी में चल रहा तनाव अब और गहरा गया है। आज आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करने का आधिकारिक पत्र जारी कर दिया गया है। राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने यह खत जारी किया है। इस खत में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से निकाले जाने का आदेश है। खास बात यह कि ये खत महज एक लाइन का है। निष्कासन पत्र आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी की तरफ से जारी करते हुए केवल एक पंक्ति में कहा गया है कि ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार तेज प्रताप यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है।’ इसमें न तो अनुशासन का जिक्र है और न ही नैतिकता की कोई बात।
तेजप्रताप यादव पर यह कार्रवाई 25 मई 2025 को लालू प्रसाद यादव के उस सोशल मीडिया पोस्ट के सात दिन बाद की गई जिसमें उन्होंने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निष्कासित करने की घोषणा की थी। लालू ने उस समय कहा था कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी सामाजिक न्याय के हमारे सामूहिक संघर्ष को कमजोर करती है। तेज प्रताप यादव का आचरण हमारे पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं के अनुरूप नहीं है। इसलिए उन्हें आज से पार्टी और परिवार से अलग किया जाता है। लालू ने यह कदम तेज प्रताप के फेसबुक पर अनुष्का यादव के साथ 12 साल पुराने प्रेम संबंध का खुलासा करने वाले पोस्ट के बाद उठाया था। हालांकि बाद में तेज प्रताप ने अपने सोशल मीडिया के हैक किये जाने का दावा करते हुए अपने पोस्ट को हटा लिया था।
कल 1 जून को इस पर चुप्पी तोड़ते हुए तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को ही अपनी ‘सारी दुनिया’ बताया। साथ ही उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी में मौजूद ‘जयचंद’ पर साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों, तुम कभी अपनी साजिशों में सफल नहीं हो सकोगे। इस पोस्ट को लालू और पार्टी नेतृत्व के लिए एक गुप्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच, राजद सांसद सुधाकर सिंह ने तेज प्रताप का समर्थन करते हुए सियासी भूचाल मचा दिया। उन्होंने कहा कि तेज प्रताप ने कोई गलती नहीं की है। हिंदू रीति-रिवाजों में दो-तीन शादियां वैध हैं और लालू को अपने बेटे के फैसले को स्वीकार करना चाहिए।