रतन टाटा का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार की देर रात देहांत हो गया। देश के जाने माने उद्योगपति के जाने से पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ गई है। भारत के कई राज्यों की विकास गाथा में टाटा समूह का बड़ा योगदान है। रतन टाटा पारसी समुदाय से आते हैं। इस समुदाय का भारत में बिजनेस करने से लेकर देश के विकास में काफी योगदान रहा है। रतन टाटा के बाद अब कौन संभालेगा टाटा ग्रुप, इसे लेकर अटकलें लग रही हैं। इधर दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद पीएम मोदी ने नोएल टाटा से बात की और दुख जाहिर किया। आइए जानते हैं कि कौन हैं नोएल टाटा और अब कौन संभालेगा रतन टाटा की विरासत?
इस तरह संचालित होता है टाटा ग्रुप
टाटा ग्रुप के दो मुख्य मुख्य ट्रस्ट हैं-सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट। इन दोनों ट्रस्टों की संयुक्त रूप से टाटा समूह की मूल कंपनी टाटा संस में करीब 52 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा संस ही टाटा समूह की कंपनियों का संचालन करता है। यह समूह विमानन से लेकर एफएमसीसी तक के पोर्टफोलियो को संभालता है। माना जा रहा कि अब रतन टाटा के जाने के बाद नोएल टाटा उनकी विरासत को संभालेंगे। पीएम मोदी ने भी उन्हें फोन कर शोक संवेदना दी। नोएल टाटा टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। वे आयरलैंड के बिजनेसमैन हैं। रतन और नोएल टाटा के पिता तो एक हैं लेकिन दोनों की मां अलग—अलग हैं। रतन टाटा ने शादी नहीं की थी और उनकी कोई संतान नहीं है। ऐसे में नोएल टाटा को रतन टाटा का उत्तराधिकारी भी माना जा रहा है।
ग्रुप में नोएल टाटा सबसे उपयुक्त ट्रस्टी
रतन टाटा अपने पीछे एक बहुत बड़ी विरासत छोड़ गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक टाटा समूह की कुल संपत्ति करीब 165 अरब अमेरिकी डॉलर की है। रतन टाटा ने अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया था। ऐसे में उनके ट्रस्ट ट्रस्टियों में से ही एक अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। टाटा समूह के दो मुख्य मुख्य ट्रस्ट हैं- सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट। टाटा संस ही टाटा समूह की कंपनियों का संचालन करता है। यह समूह विमानन से लेकर एफएमसीसी तक के पोर्टफोलियो को संभालता है। दोनों ट्रस्टों में कुल 13 ट्रस्टी हैं। इनमें से नोएल टाटा समेत कुछ और लोग दोनों ट्रस्टों में ट्रस्टी हैं। इनमें पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह, ऑटोमोबाइल क्षेत्र के दिग्गज वेणु श्रीनिवासन, रतन टाटा के सौतेले भाई और ट्रेंट के चेयरमैन नोएल टाटा, व्यवसायी मेहली मिस्त्री और वकील डेरियस खंबाटा के नाम शामिल हैं।
कैसे चुने जाते हैं ट्रस्टों के चेयरमैन
टाटा ट्रस्ट के प्रमुख का चुनाव ट्रस्टियों में से बहुमत के आधार पर होता है। विजय सिंह और वेणु श्रीनिवास इन दोनों ट्रस्टों के उपाध्यक्ष हैं। लेकिन इनमें से किसी एक के प्रमुख चुने जाने की संभावना अपेक्षाकृत कम है। जिस व्यक्ति को टाटा ट्रस्ट का प्रमुख बनाए जाने की अधिक संभवाना है, वो है 67 साल के नोएल टाटा। नोएल की नियुक्ति से पारसी समुदाय भी खुश होगा। रतन टाटा पारसी थे. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि एक पारसी ही इस संगठन का नेतृ्त्व करे। इस ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2023 में 470 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया था।