सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां जानकी जन्मस्थली पर सीता मंदिर के शिलान्यास की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पुनौरा धाम में आज गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंदिर की आधारशिला रखेंगे। इस मौके पर तिरुपति से आए हलवाइयों ने लड्डू प्रसाद बनाया है। तिरुपति से आए विशेष कारीगरों ने 11 पवित्र नदियों के जल का उपयोग कर 11,000 लोगों के लिए लड्डू प्रसाद तैयार किया है। माता सीता मंदिर के शिलान्यास में काशी और मिथिला के आचार्य 21 तीर्थों की मिट्टी, चांदी के विशेष कलश एवं बर्तन, 11 नदियों के जल के साथ भूमि पूजन कराएंगे। गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज करीब दोपहर 1 बजे पूरे विधि—विधान और मंत्रोच्चार के बीच मंदिर का शिलान्यास करेंगे।
गृहमंत्री अमित शाह और सीएम करेंगे पूजन
शिलान्यास समारोह आयोजन समिति के सदस्य विनोद शाह ने बताया कि तिरुपति के कारीगरों द्वारा प्रसाद के लिए तैयार यह लड्डू सभी भक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मदिर के आधारशिला स्थल को पवित्र करने के लिए भी इन 11 पावन नदियों के जल का उपयोग किया गया है। यह अनूठी पहल माता जानकी की मिट्टी में रहने वाले भक्तों में विशेष उत्साह पैदा कर रही है। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने भी व्यापक सुरक्षा तैयारियां की हैं। मंदिर शिलान्यास के साथ ही यहां माता सीता की रसोई को भी फिर से शुरू किया जा रहा है। बताया गया कि यहां पहले माता की रसोई में सभी को भोजन देने की परंपरा थी जो बंद पड़ गई थी। अब इस रसोई को आचार्य कुणाल ट्रस्ट ने तिरुपति से आए हलवाइयों की मदद से फिर से शुरू कर दिया गया है। अब इस रसोई के माध्यम से रोजाना 800 लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
भव्य मंदिर निर्माण, तिरुपति लड्डू से भोग
शिलान्यास समारोह के लिए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों को भव्य रूप से सजाया गया है। इसके साथ ही, 50 लाख रुपये की लागत से एक जर्मन हैंगर पंडाल का निर्माण किया गया है, जो इस समारोह को और भी भव्य बनाएगा। स्थानीय लोगों में इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। पुनौरा धाम में माता जानकी के भव्य मंदिर के निर्माण और उनकी इस पावन जन्मस्थली के विकास की मांग लंबे समय से की जा रही थी। जानकी मंदिर आधारशिला का यह समारोह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के पर्यटन और सांस्कृतिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इस आयोजन से पुनौरा धाम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी जिससे इस इलाके को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर उभरने में मदद मिलेगी।