18वीं लोकसभा सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब संसद भवन में प्रवेश किया, तो उनके चेहरे पर मुस्कान और दोनों हाथ प्रणाम की मुद्रा में जुड़े हुए थे। वहीं राहुल गांधी और अखिलेश यादव सदन में एक साथ बैठे नजर आए। पीएम मोदी के सदन प्रवेश के साथ ही विपक्षी नेताओं ने नारे लगाने शुरू कर दिये। इस सबके बीच प्रधानमंत्री मोदी ने सदन के सदस्य के रूप में सबसे पहले शपथ ली।
शपथ से पहले प्रधानमंत्री का संबोधन
शपथ से पहले पीएम मोदी का संबोधन हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि ये वैभव का दिन है। नए सांसदों का स्वागत करते हुए पीएम ने कहा कि देश चलाने के लिए सहमति जरूरी है। इसमें सरकार और विपक्ष की भूमिका जरूरी है। देश की जनता विपक्ष से संसद की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद करती है ना कि ‘नखरे, ड्रामा, नारेबाजी और व्यवधान’ की। देश को एक अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है।
आपात काल को काला धब्बा बताया
सदन में प्रवेश से पहले प्रधानमंत्री ने संसद परिसर में मीडिया से भी बात की। इस दौरान उन्होंने आपातकाल को देश के लोकतंत्र पर काला धब्बा बताते हुए कहा कि आज हम आपातकाल की 50वीं बरसी से एक दिन पहले मिल रहे हैं। नई पीढ़ी इस दिन को कभी नहीं भूलेगी। इस दिन हम संकल्प लेंगे कि संविधान में दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक जनसामान्य के सपनों को पूरा करेंगे। कल 25 जून है, जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से परिचित हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिन है क्योंकि इसी दिन भारत की लोकतंत्र पर आपातकाल रूपी काला धब्बा लगा था।