जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के रोहतास से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने साफ—साफ तो नहीं, लेकिन यह संकेत जरूर दे दिया कि वे अपने जन्मस्थान रोहतास की करगहर सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि उन्होंने आगामी चुनाव में एकसाथ दो सीटों से उतरने की संभावना को भी खारिज नहीं किया जिसमें उन्होंने कभी कहा था कि वे जन्मभूमि के साथ ही तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट से भी चुनाव में उतर सकते हैं, अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी वहां से मैदान में आ जायें।
अपने ताजा इंटरव्यू में जन सुराज नेता ने कहा कि सभी लोगों को दो जगहों से चुनाव लड़ना चाहिए। एक कर्म भूमि और दूसरी जन्म भूमि। अगर जन्मभूमि की बात करें को करगहर मेरी जन्म भूमि है और मैं वहीं से चुनाव लड़ना चाहता हूं। करगहर विधानसभा सीट ब्राह्मण बहुल सीट है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में करगहर सीट से कांग्रेस के संतोष मिश्रा जीते थे। जेडीयू के वशिष्ठ सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे। प्रशांत किशोर के इस ताजा ऐलान से तेजस्वी को अपनी सीट पर अब ज्यादा फोकस नहीं करना पड़ेगा और वे पूरे बिहार के चुनावी अभियान के लिए उन्हें ज्यादा वक्त मिल सकेगा।
पीके की इस ताजा घोषणा पर जदयू की तरफ से कहा गया कि करगहर में भी प्रशांत किशोर को बड़ी चुनौती मिलने वाली है। उन्हें भी जन सुराज के बाकी उम्मीदवारों की तरह जमानत बचानी भारी हो जाएगी। आगामी चुनावों में प्रशांत किशोर की भूमिका महज एक वोट कटवा से ज्यादा कुछ नहीं होने वाली है। विदित हो कि प्रशांत किशोर पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। प्रशांत किशोर पिछले 2 सालों से पूरे बिहार में घूम-घूम कर प्रचार कर रहे हैं। पीके की जनसुराज पार्टी बिहार में थर्ड फ्रंट की भूमिका में है। एनडीए और इंडिया एलांयस के अलावा प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी तीसरा फ्रंट बनकर बिहार में उभरी है।