बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस आज मंगलवार को NDA का साथ छोड़ महागठबंधन में शामिल हो गए। कल सोमवार को पशुपति पारस ने केंद्र और बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए से अलग होने की घोषणा की थी। आज उन्होंने महागठबंधन का दामन थाम लिया। NDA छोड़ने का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर अपनी पार्टी और महागठबंधन को मजबूत करेगी। पशुपति पारस ने कहा कि वे 17 अप्रैल को पटना में होने वाली महागठबंधन की बैठक में भी शामिल होंगे।
रालोजपा और दलित सेना की ओर से बीते दिन पटना में आयोजित अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित संकल्प महासम्मेलन के दौरान पशुपति पारस ने कहा कि उनकी पार्टी का अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से कोई नाता नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, “हम अब एक नया बिहार बनाएंगे और राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर पार्टी को मजबूत करेंगे। चुनाव के समय तय किया जाएगा कि किस गठबंधन के साथ जाएंगे।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जो गठबंधन उचित सम्मान देगा, वहां वे जाएंगे। अब आज वे महागठबंधन के बजाप्ता हिस्सा बन गए।
पत्रकारों से बातचीत में पारस ने कहा कि हम लोग एनडीए गठबंधन के वफादार और ईमानदार साथी थे। लोकसभा चुनाव के समय एनडीए के लोगों ने हमारी पार्टी के साथ नाइंसाफी की। इसके बावजूद राष्ट्रहित में हमारी पार्टी एनडीए के साथ रही। लोकसभा चुनाव गुजरने के छह महीने बाद जब कभी एनडीए की बैठक हुई, तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के एक बयान में एनडीए के पांच पांडव की बात कही गई। इसमें हमारी पार्टी का कहीं नाम नहीं रहा। हमारे साथ अन्याय किया गया। अब महागठबंधन के साथ मिलकर हम जनआंदोलन खड़ा करेंगे। रालोजपा ‘चलो गांव की ओर’ के तहत पिछले चार महीने से गांव-गांव जा रही है और सदस्यता अभियान भी चला रही है। अब तक मैंने 22 जिलों का दौरा किया है, अब सिर्फ 16 जिले शेष हैं। अधिकतर जिलों में जनता सरकार बदलने के मूड में है।