महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर भारी खींचतान मची है। एक ओर राजद तेजस्वी यादव का नाम बतौर मुख्यमंत्री चेहरा आगे कर रहा है, वहीं कांग्रेस और महागठबंधन के दूसरे सहयोगी इसे चुनाव के बाद तय करने की बात कह रहे हैं। इसी सबके बीच कांग्रेस के पप्पू यादव ने राजद नेता तेजस्वी यादव को यह कहकर भारी टेंशन दे दी है कि महागठबंधन का सीएम फेस चुनाव के बाद इस गठबंधन के चुने हुए विधायक मिलकर तय करेंगे। पप्पू यादव ने कहा कि जीत के बाद विधायक दल सीएम और डिप्टी सीएम का चुनाव करेगा।
पप्पू यादव का यह बयान तब आया है जब कल 24 सितंबर को पटना में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक होने वाली है। पप्पू यादव ने ये बयान मोतिहारी दौरे के दौरान दिया। उन्होंने इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया कि महागठबंधन में कांग्रेस के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यानी यह स्पष्ट होता जा रहा है कि चुनाव होने तक महागठबंधन में बतौर सीएम चेहरा तेजस्वी के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक पप्पू के ताजा बयान को महागठबंधन की सीट शेयरिंग में ज्यादा सीटें प्राप्त करने के लिए दबाव बनाने की एक रणनीति के तौर पर देख रहे हैं। कांग्रेस ने महागठबंधन को अपने लिए 78 से 80 सीटों पर दावेदारी की लिस्ट सौंपी है। बता दें कि हाल में ही बिहार अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव खुद को सीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करते नजर आए। लेकिन अब पप्पू के ताजा बयान से उनकी मंशा पर कोई स्पष्ट राय नहीं बनती दिख रही।
वरिष्ठ प्रत्रकार राकेश प्रवीर ने कहा कि पप्पू यादव के बयान ने महागठबंधन की अंदरूनी खींचतान और सीट बंटवारे पर चल रही तकरार को एक बार फिर सामने ला दिया है। टिकट बंटवारे और कांग्रेस की सीट मांग पर पप्पू यादव ने साफ कर दिया कि राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मान से समझौता नहीं होगा। ऐसे में पप्पू यादव का बयान साफ संकेत दे रहा है कि महागठबंधन में सहमति बनाना आसान नहीं। पप्पू यादव ने कांग्रेस की सीट मांग और टिकट बंटवारे पर कहा कि टिकट उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिलेगा जिनकी विचारधारा और जमीनी पकड़ मजबूत है। जानकार कह रहे हैं कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे और सीट बंटवारे को लेकर जारी मतभेद का असर चुनावी रणनीति पर भी पड़ सकता है।