बिहार में विधानसभा चुनाव तो अगले वर्ष होना है, लेकिन सीएम नीतीश की पार्टी के एक एमएलसी एक ऐसा ऐलान कर दिया जिससे बिहार NDA में खलबली मच गई है। जदयू एमएलसी संजय सिंह ने घोषणा कर दी है कि वे हर हाल में बाढ़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। एनडीए में अभी विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग की बात नहीं हुई है। ऐसे में जदयू एमएलसी संजय सिंह की इस घोषणा ने एनडीए में बखेड़ा खड़ा कर दिया है
बाढ़ सीट पर एमएलसी संजय सिंह ने ठोका दावा
खासकर भाजपा के लिए संजय सिंह की घोषणा परेशान करने वाली है क्योंकि बाढ़ सीट से उसके विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू लगातार चुनावी जीत दर्ज करते रहे हैं। जदयू एमएलसी संजय सिंह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे अपने समर्थकों से कह रहे हैं कि ‘हम चुनाव लड़ेंगे और बाढ़ से ही लड़ेंगे। आप लोग चिंता मत करिए। जब मन बन जाता है तो आगे युद्ध के मैदान में क्या होगा, इससे घबराना नहीं चाहिए। युद्ध के मैदान में कूद गए हैं तो अंतिम हद तक हम लड़ाई लड़ेंगे’।
बाढ़ से लगातार विधायक हैं भाजपा के ज्ञानेंद्र ज्ञानू
जदयू एमएलसी संजय सिंह के इस ऐलान के बाद सियासी बवाल मच गया। क्योंकि जिस बाढ़ सीट से संजय सिंह ने दावा ठोका है, वहां से अभी बीजेपी के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू विधायक हैं। बाढ़ विधानसभा सीट राजपूत बहुल क्षेत्र है। इसे मिनी चित्तौड़गढ़ भी कहा जाता है। ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू राजपूत जाति से आते हैं। 2005 से ही ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू बाढ़ विधानसभा सीट से विधायक बन रहे हैं। ज्ञानू कभी जेडीयू में थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे हैं।
नीतीश कुमार की अनप्रेडिक्टेड राजनीति या कुछ और
यहां चौंकाने वाली बात यह है कि ज्ञानू और संजय सिंह दोनों के ही नीतीश कुमार से काफी करीबी संबंध हैं। अभी लोकसभा चुनाव से पूर्व जब नीतीश कुमार महागठबंधन में थे, उस समय भी ज्ञानू ने ही उनके फिर से एनडीए में शामिल होंने की जानकारी दी थी। ज्ञानू की तरह एमएलसी संजय सिंह भी नीतीश के सबसे करीबी लोगों में शामिल हैं। ऐसे में संजय सिंह के ताजा ऐलान को नीतीश कुमार की अनप्रेडिक्टेड राजनीतिक चाल के एक मोहरे के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में देखना है कि बिहार एनडीए में चुनाव से पहले सियासी दांव—पेंच क्या रुख अख्तियार करता है।