बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दिल्ली में एनडीए की बैठक के दौरान वह किया जिससे सभी अवाक् रह गए। हुआ यूं कि एनडीए की बैठक में संसद के सेंट्रल हॉल में जब नीतीश कुमार पीएम मोदी से मिलने पहुंचे तब अचानक वे उनके सामने झुके और उन्होंने मोदी का पैर छू लिया। नीतीश को ऐसा करते देख प्रधानमंत्री मोदी ने उनका हाथ पकड़ लिया और अभिवादन किया। इसका वीडियो जल्द ही जंगल की आग की तरह पूरे देश में वायरल हो गया। मीडिया और सियासी गलियारे में भी इसकी खूब चर्चा है।
मोदी के करिश्मे ने किया कृतज्ञ और अभिभूत
विरोधी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश के पैर छूने की घटना को लेकर उनका माखौल उड़ाना शुरू कर दिया। मीडिया भी इसे अपने—अपने तरीके से पेश कर रहा है। लेकिन आइए हम आपको नीतीश के ऐसा करने के पीछे की बड़ी वजह बताते हैं। दरअसल नीतीश कुमार चुनाव से पहले अपनी इमेज और तेजस्वी के हमलों—दुष्प्रचार से काफी हिले हुए थे। उन्हें अपने दल का वजूद खतरे में लग रहा था। यहां तक कि एनडीए में आने के फैसले पर भी वे थोड़ा सशंकित होने लगे थे। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में बिहार में उन्हें मिले राजनीतिक जीवनदान ने मोदी मैजिक के कमाल का अहसास करा दिया है। ऐसे में यह उनकी पीएम मोदी से मुलाकात के वक्त दिल से निकला भावुक सम्मान ही था।
नीतीश से उम्र में छह माह बड़े हैं प्रधानमंत्री मोदी
नीतीश कुमार के पीएम मोदी के पैर छूने की दूसरी बड़ी वजह यह है कि पीएम मोदी उम्र में नीतीश से करीब छह महीने बड़े हैं। दूसरी तरफ नीतीश अब तक पीएम मोदी को अपना प्रतिद्वंदि मानते रहे। लेकिन इस चुनाव में उन्हें मिली सफलता ने उन्हें पीएम मोदी का कृतज्ञ बना दिया है। ऐसे में शिष्टाचारवश भावुकता में उन्होंने अपने से उम्र में छह माह बड़े प्रधानमंत्री मोदी के पैर छू लिये। यह कोई पहला मौका नहीं, जब नीतीश ने ऐसा किया। इससे पहले लखनउ में योगी के शपथग्रहण में, फिर हाल के चुनाव प्रचार के दौरान नवादा में उन्होंने मंच पर मोदी के पैर छुए थे। पैर छूना केवल और केवल अपने से उम्र में बड़े अभिभावक को सम्मान देना ही था और कुछ नहीं।