आग से बचाव को ले जागरुकता वाहन किया रवाना
नवादा : आशुतोष कुमार वर्मा जिला पदाधिकारी ने समाहरणालय परिसर से अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिला पदाधिकारी ने कहा कि गर्मी का मौसम आ रहा है। आग से सुरक्षा के लिए स्थानीय जन मानस को जागरूक किया जा रहा है। यह अग्निशमन निदेशालय सह होमगार्ड निदेशालय के द्वारा प्रत्येक प्रखंड में जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जायेगा। जागरूकता रथ के द्वारा अग्नि से सुरक्षा एवं बचाव के लिए विभिन्न उपायों को बताया जा रहा है।
आग लगने पर तुरंत 101 एवं 112 नंबर पर कॉल करके सूचना दे। यह न सोचें कि कोई दूसरा इसकी सूचना पहले ही दे चुका होगा। आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, केवल सीढ़ियों का ही प्रयोग करें। धुएँ से घिरे होने पर अपने नाक और मुँह को गीले कपडे से ढँक लें। अगर आप धुएं से भरे कमरे में फँस जाएं और बाहर निकलने का रास्ता न हो, तो दरवाजे को बंद कर लें, और सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिये या चादरों से सील कर दें, जिससे धुआं अंदर न आ सके। अगर आग आपकी अपनी ईमारत में लगी है, और आप अभी फसे नहीं हैं तो पहले बाहर आएं और वहीं रूककर 101 एवं 112 नंबर पर अग्निशमन सेवा को घटना की सूचना दें।
अपने घर और कार्यालय में स्मोक (धुआं) डिटेक्टर अवश्य लगाएं क्योकि अपनी सुरक्षा के उपाय करना सदैव ही बेहतर और अच्छा होता है। निश्चित अंतराल पर इमारत में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्त्रोत, सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली, अग्निशामक की जांच करवाते रहें।
अपने आस पास लगे अग्निशामक की तारीख जांच लें। ध्यान दें कि समय समय पर उसकी सर्विसिंग हो और उसमे आग बुझाने वाले गैस अथवा केमिकल को बदला/भरा जाए। अग्निशामक यन्त्र का प्रयोग कब और कैसे करना है ,इस बारे में अवश्य जानें और लोगों को भी इसकी जानकारी दें।
यदि आपके कपड़ों में आग लग जाए तो भागे नहीं, इससे आग और भड़केगी। जमीन पर लेट जाए और उलट पलट (रोल) करे। किसी कम्बल, कोट या भारी कपडे से ढ़क कर आग बुझाएं। अगर आप आपातकालीन सेवा और अग्नि सुरक्षा में प्रशिक्षित नहीं हैं, तो आग में फँसे लोगों को निर्देश न दें। ऐसा करके आप उन्हें भ्रमित या गुमराह कर सकते हैं, जिससे किसी की जान भी जा सकती है। भारी धुंआ और जहरीली गैस सबसे पहले छत की तरफ इकट्ठा होती है, इसलिए अगर धुआं हो तो जमीन पर झुक कर बैठें। आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, केवल सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।
उत्पाद पुलिस ने दो आटो से 182 बोतल विदेशी शराब किया बरामद, तीन शराब तस्कर गिरफ्तार
नवादा : जैसे-जैसे होली का त्योहार तथा लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहा है वैसे-वैसे शराब माफियाओं के द्वारा शराब निर्माण, भंडारण व परिवहन तेज कर दिया है। होली पर्व व लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस तथा उत्पाद विभाग की टीम शराब पर रोक लगाने को लेकर लगातार क्षेत्र में छापेमारी कर रही है।
इसी क्रम में उत्पाद विभाग की टीम ने रजौली चेक पोस्ट पर एसआई पिंटू कुमार के नेतृत्व में वाहनों की जांच के क्रम में आटोसंख्या-बीआर-01पीई/7947 की तलाशी लेने पर आटो में गुप्त बॉक्स के अंदर रखे विदेशी शराब की कुल 95 बोतल रॉयल चैलेंज व्हिस्की, मैजिक मोमेंट, वोडका और ब्लेंडर्स प्राइड व्हिस्की 48.750 लीटर बरामद किया।
शराब बरामद होने के बाद आटो को जब्त करते हुए दो शराब तस्कर सह चालक जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र के दादपुर गांव निवासी नरेश मिस्त्री के 20 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार तथा नेमदारगंज थाना क्षेत्र के मनका ग्रामीण राजेन्द्र राजवंशी के 21 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार को गिरफ्तार कर लिया। दूसरी ओर इसी टीम के वाहन जांच के क्रम में रजौली चेक पोस्ट पर आटो संख्या-बीआर 01पीई/1254 की तलाशी लेने पर रॉयल स्टैग व्हिस्की और इंपिरियल ब्लू व्हिस्की का 87 बोतल कुल मात्रा 49.500 लीटर बरामद कर तस्कर अकबरपुर थाना क्षेत्र के अकबरपुर बाजार नालापर मुहल्ला निवासी स्व प्रदीप प्रसाद गुप्ता के 27 वर्षीय पुत्र दीपक कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
इस संबंध में उत्पाद अधीक्षक अरूण कुमार मिश्रा ने बताया कि नई उत्पाद अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार तीनों शराब तस्कर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्होंने बताया कि छापामारी टीम में सहायक अवर निरीक्षक पंचम लाल धीरज सहित विभाग के अन्य जवान शामिल थे।
पीडीएस बिक्रेता की जांचोपरांत अनुज्ञप्ति रद्द करने का करें अनुसंशा,मामला कोविड 19 के खाद्यान्न वितरण में अनियमितता का
नवादा : जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील ने रजौली प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को पत्र लिखकर अमांवा के पीडीएस बिक्रेता योगेन्द्र पासवान की अनुज्ञप्ति को जांचोपरांत रद्द करने की अनुसंशा करने का पत्र भेजा है। मामला कोविड 19 के तहत अप्रवासी मजदूरों के लिये खाद्यान वितरण से जुड़ा है।
इस बावत उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत वितरण पंजी की मांग की थी। तब प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया लेकिन वितरण पंजी उपलब्ध नहीं कराने से खाद्यान्न की कालाबाजारी की बू आ रही है। ऐसे में एक बार फिर उन्होंने वितरण पंजी उपलब्ध नहीं कराने के आरोप में पीडीएस बिक्रेता योगेन्द्र पासवान की अनुज्ञप्ति को रद्द करने की अनुसंशा करने का पत्र उपलब्ध कराया है तथा अनुसंशा की एक प्रति उपलब्ध कराने को लिखा है।
बता दें कोविड 19 में अप्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण में पूरे जिले में भारी अनियमितता बरती गयी है। यही कारण है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध तो कराया जा रहा है लेकिन वितरण पंजी उपलब्ध कराने के मामले में अधिकारियों का रुख नकारात्मक साबित हो रहा है। ऐसे में व्यापक पैमाने पर अधिकारियों की मिलीभगत से कालबाजारी की बू आ रही है।
पांच माह पूर्व लापता युवक का नहीं मिला सुराग, बेटे के लौटने की आस लगाए बैठे हैं माता-पिता
नवादा : विगत 5 महीने से घर से लापता युवक का आज तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है, जिसके कारण उक्त युवक के परिजन चिंतित दिख रहे हैं। लापता युवक के परिजन पुलिस से अपने पुत्र की बरामदगी की आस लगाए बैठे हैं । युवक के परिजन अपने नाते रिश्तेदारों के यहां पुत्र कि खोजबीन कर थक हार चुके हैं।
घटना के संबंध में लापता युवक का बड़ा भाई जिले के हिसुआ नगर परिषद क्षेत्र के डब्लू कुमार ने बताया कि 12 सितंबर 2023 को मेरी मां एवं पिताजी इलाज करवाने के लिए नवादा डॉक्टर के पास गए थे। जाते वक्त पिताजी मेरे भाई को घर में रहने का हिदायत देकर गए थे। जब नवादा से मां और पिताजी वापस लौटे तो घर में भाई मौजूद नहीं था।
उसके मोबाइल पर संपर्क करने पर उसका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था, फिर हम सभी लोग अपने परिजनों के यहां भाई का खोजबीन करवाये, लेकिन उसका कहीं कोई सुराग नहीं मिल पाया। थक हार कर हिसुआ थाना में आवेदन देकर उसकी बरामदगी की गुहार भी लगा चुके है, बावजूद आज तक उसका कहीं कोई आता-पता नहीं चल पाया है। लापता युवक नगर परिषद क्षेत्र के यादव नगर निवासी अशोक कुमार यादव का 17 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार है।
सावधान! कहीं पाउंड में तो नहीं खरीद रहे बर्थ डे पार्टी के लिए केक…
नवादा : सावधान! कहीं आप बर्थ डे या अन्य समारोह के लिए केक की खरीद-बिक्री पाउंड में तो नहीं कर रहें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपकी पार्टी फीकी हो सकती है। माप-तौल विभाग आप पर कार्रवाई कर सकता है। इतना ही नहीं, यदि आप दूसरी बार भी ऐसी गलती करते पकड़े जाते हैं, तो आपको एक वर्ष की सजा हो सकती है।
केंद्र सरकार ने फुट, पाउंड जैसी माप-तौल की इकाई को 1959 में ही प्रतिबंधित कर दिया है। द लीगल मेट्रोलाजी एक्ट, 2009 किसी भी व्यक्ति को सिर्फ एसआई इकाई में माप-तौल की ही स्वीकृति देता है। हालांकि आम आदमी आज भी इन नियम-कानून से अनभिज्ञ है। माप-तौल से जुड़ी यूनिट के प्रति जागरूकता की दरकार है।
भवन निर्माण में धड़ल्ले से प्रयोग होता है अवैध मानक:-
100 सीएफटी बालू व अन्य भवन का निर्माण कार्य हो या रंगाई-पुताई। स्क्वायर फ़ीट या क्यूबिक फ़ीट जैसी माप की इकाई धड़ल्ले से प्रयोग में लायी जाती है।
क्यूबिक फ़ीट में लकड़ियों और बालू (रेत) की खरीद-बिक्री होती है, तो स्क्वायर फ़ीट में रंगाई-पुताई या टाइल्स-मार्बल लगाने का काम। देखा जाए तो विधिक मापविज्ञान अधिनियम, 2009 के तहत ये सभी मानक अवैध है और दंडनीय भी, लेकिन इस कानून का उल्लंघन इतने धड़ल्ले से हो रहा है कि आम आदमी और विक्रेता की कौन कहे, कई जगह पर सरकारी विभाग भी इससे बचे नहीं है।
क्यूबिक फ़ीट के उच्चारण और प्रदर्शन पर प्रतिबंध:-
कोई भी व्यक्ति वस्तु, माल और सेवा प्रदाता के रूप में मानक इकाईयों का ही प्रयोग करेंगे। यदि कोई व्यक्ति माप की क्यूबिक फ़ीट, पाउंड आदि का प्रयोग करते हैं, तो यह अवैधानिक है। द लीगल मेट्रोलाजी एक्ट 2009 का अनुच्छेद 11, किसी भी वस्तु, माल और आयतन को सिर्फ एसआई यूनिट (माप की मानक इकाई) में प्रयोग की ही अनुमति देता है।
इसके इतर कोई भी व्यक्ति अन्य माप की इकाई का प्रयोग करता है, तो वह अवैध है। यदि कोई उपभोक्ता खाद्य सामग्री के रूप में केक खरीदता है और दुकानदार उससे पाउंड के हिसाब से पैसे वसूल करता है, तो यह अवैध है। साथ ही यदि कोई व्यक्ति, भवन निर्माण सामग्री जैसे कि लकड़ी, गिट्टी या बालू की क़ीमत क्यूबिक फ़ीट (सीएफटी) के हिसाब से तय करता है, तो यह भी यह अवैध है।
क्यूबिक फ़ीट, पाउंड जैसे शब्दों के प्रयोग पर दंड का है प्रावधान
यदि कोई व्यक्ति द मेट्रोलाजी एक्ट, 2009 के सेक्शन 11 का उल्लंघन करता है, तो उसे आर्थिक तौर पर जुर्माना भी लग सकता है। यदि वह बार बार-इस प्रविधान का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसे एक साल की सजा भी हो सकती है। द लीगल मेट्रोलाजी एक्ट, 2009 की धारा 29 के तहत एसआई यूनिट के माप का प्रयोग नहीं करता है, बल्कि किसी अन्य माप की इकाई को प्रयोग में लाता है, तो उसे आर्थिक दंड, जो 10 हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है, से दण्डित किया जायेगा। दूसरी बार या बार-बार विक्रेता द्वारा इस प्रविधान का उल्लंघन किया जाता है, तो उसे एक साल तक की सजा और आर्थिक दंड दोनों से दंडित किया जा सकेगा।
कहते हैं विभाग के अधिकारी
कोई भी व्यक्ति वस्तु, माल और सेवा के संबंध में बाट, माप या अंक के लिए सिर्फ मानक इकाई का ही प्रयोग कर सकते हैं। द लीगल मेट्रोलाजी एक्ट, 2009 की धारा 11 के तहत किसी अन्य बाट या माप की इकाई का प्रयोग प्रतिबंधित है और दंडनीय भी। – कुमार रमाशंकर, माप-तौल निरीक्षक, नवादा।