-एसपी की नजरों में महान बनने के लिए थानाध्यक्ष ने ख़ुद रची साजिश?
नवादा : जिले में 18 अप्रैल की देर रात पकरीबरांवा थाना क्षेत्र के राजेबिगहा मतदान केंद्र की सुरक्षा में तैनात पुलिस जवान से चोरी हुई रायफल और कारतूस मामले में दुस्साहस की सारी हदें पार कर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला शातिर चोर पुलिस की गिरफ्त से अब तक बाहर है। घटना की खबर को सभी चैनलों और अखबार में प्रमुखता से छपी लेकिन कशिश न्यूज के संवाददाता सन्नी भगत द्वारा प्रमुखता से दिखाने पर पकरीवरावां थानाध्यक्ष अजय कुमार ने टारगेट कर उन पर झूठा मुकदमा न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के समक्ष दायर किया है। नवादा पुलिस अपनी निष्क्रियता छिपाकर पत्रकार को घेरे में ले रही है और झूठा आरोप लगा रही है।
घटना के 9 दिनों बाद भी पुलिस के हाथ खाली
बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर पहले चरण में नवादा लोकसभा सीट पर मतदान 19 अप्रैल को हुआ था। मतदान केंद्र की सुरक्षा में तैनात एक पुलिस जवान की रायफल और 20 कारतूस की चोरी की वारदात हुई थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले में घटना के अगले दिन घटनास्थल से कुछ दूर एक ताड़ के पेड़ के नीचे झाड़ी से पुलिस जवान से चोरी हुई रायफल और 20 कारतूस को लावारिश अवस्था में बरामद किया था। तब कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस जवान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
उक्त मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को अपने हिरासत में लिया था जिसे पूछताछ के बाद निर्दोष पाकर छोड़ दिया था। घटना को कशिश न्यूज समेत अन्य न्यूज़ चैनल और अखबार में चलने के बाद थानेदार ने सिर्फ कशिश न्यूज के संवाददाता सन्नी भगत पर झूठा मुकदमा न्यायालय में मुख्य न्यायधीश के समक्ष दायर किया है।
बता दें कि घटना के 9 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। चोर अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताया जाता है। पत्रकार को फर्जी तरीके से आरोपी बनाए जाने से जिलाभर के पत्रकारों में रोष है। रिपोर्टर पर एफआईआर की निंदा करते हुए पत्रकारों ने कहा है कि पुलिस अपनी विफलता को दबाने के लिए पत्रकारों के खिलाफ दमन की कार्रवाई कर रही है।
पत्रकार पर झूठा मुकदमा कर थानाध्यक्ष ने लोकतंत्र पर किया प्रहार
ऑल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन (आईरा इंटरनेशनल) बिहार क़े नवादा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने पकरीबरावां थानाध्यक्ष की कार्रवाई की तीखी भर्त्सना किया है। उन्होंने थानाध्यक्ष अजय कुमार पर अपनी निष्क्रियता क़ो छिपाने क़े लिए पत्रकार सन्नी भगत क़ो टारगेट किया है। सभी अखबारों और न्यूज़ चैनलों ने खबर चलाया ,लेकिन उन्होंने टारगेट लेकर सन्नी भगत पर झूठा मुकदमा दर्ज किया है। इस कुकृत्य का नवादा क़े सभी पत्रकार तीखी भर्त्सना करता है और वरीय अधिकारी से इसकी जांच की मांग किया है।
उन्होंने कहा पकरीबरावां थानाध्यक्ष अपनी नाकामी छिपाना चाह रही है। घटना क़े 09 दिन बीत जाने क़े बावजूद अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं किया है। एसएलआर व कारतूस बरामद हुआ ,लेकिन इसे किसने चोरी किया यह एक पहेली बना है। इनकी नाकामियों क़ो छापने पर पत्रकार पर मुकदमा किया गया है। उन्होंने कहा पहले वरीय अधिकारी से साक्ष्य क़े साथ मिलकर कि उक्त पत्रकार पर मुकदमा और आरोप हटाने का मांग किया जाएगा। इसके बाद वरीय अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करेंगे तो चरणबद्घ धारणा-प्रदर्शन कर आन्दोलन किया जाएगा।
बता दें इसके पूर्व अकबरपुर के कार्यकाल में दो पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा तो जिले के वरीय पत्रकार को अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर गिरफ्तार कर चुके हैं। मामला मानवाधिकार आयोग में चल रहा है। तब पूर्व एसपी जिन्हें चुनाव आयोग ने नवादा के चुनाव से बंचित कर उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया के काफी चहेते बने थे।
उनके सारे कुकर्मो पर पर्दा डालने का काम किया जाता रहा था। अब जब कर्तव्यनिष्ठ एसपी ने पदभार संभाला तब उनकी नजरों में महान बनने के लिए खुद न केवल एसएलआर व कारतूस की चोरी करायी बल्कि चंद घंटों में बरामद कर वाहवाही लूटने का काम किया ऐसा बुद्धिजीवियों का मानना है। सबसे बड़ा सवाल यह कि एसएलआर व कारतूस कहां है? इसकी जानकारी उन्हें मिल गयी ? लेकिन घटना को किसने अंजाम दिया? इसकी जानकारी अबतक उन्हें नहीं मिली? क्या उन्होंने कुछ लोगों को हिरासत में नहीं लिया? अगर लिया तो फिर पत्रकार पर मुकदमा क्यों?