नवादा : जिले के अकबरपुर प्रखंड वकसंडा पंचायत मुखिया को पदच्युत करने की डेढ़ वर्षों पूर्व लोक प्रहरी कार्यालय से अनुसंशा के बावजूद विभाग के हाथ पांव फूल रहे हैं। ऐसे में पंचायत राज अधिनियम की धज्जियां उड़ रही है। मामला वित्तीय अनियमितता से जुड़ा है।
बता दें मुखिया व पंचायत सचिव ने मिलकर लाखों रुपए अपने निजी खाते में हस्तांतरित कर लिया था। वार्ड सदस्यों के विरोध के बाद मामले की जांच में दोषी पाए गए थे। तब डीएम ने पदमुक्त किये जाने की अनुसंशा लोक प्रहरी से की थी जिसे ग्रामीण विकास विभाग को हस्तांतरित किया गया था। लेकिन महिनों उक्त आदेश को विभाग ने दबा मुखिया को लूट की खुली छूट दे दी।
पुनः जब मामले को भैया जी ने सोशल मीडिया के माध्यम से उठाया और विभाग की किरकीरी हुई तो आनन फानन में 20/11 पत्र भेजकर मुखिया को 26/11 को सशरीर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश निर्गत किया। आदेश के एक सप्ताह व्यतीत होने के अबतक किसी प्रकार का आदेश निर्गत नहीं किये जाने से आम लोगों का विश्वास विभाग से उठने लगा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि फिर जब कार्रवाई करनी ही नहीं है तब वैसे नियम कानून का मतलब ही क्या?
भईया जी की रिपोर्ट