नवादा : रामजी की निकली सवारी, रामजी की लीला है न्यारी… जैसी भक्ति गीतों और ढोल-नगाड़े की गड़गड़ाहट से पूरा शहर देर रात तक भक्तिमय रहा। चारों तरफ भगवा वस्त्रों की लहर देखने को मिल रही थी तो हर तरफ जय श्रीराम और जय हनुमान के जयघोष से वातावरण पूरी तरह से श्रद्धा और भक्ति से सराबोर रहा। हर कोई रामनवमी शोभायात्रा में पूरे हर्षोल्लास से राम धुन में रमे नजर आ रहे थे।
शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु अपने ललाट पर जय श्रीराम और जय हनुमान की पट्टी लगाये उत्साहित नजर आये। मुख्य शोभायात्रा शहर के पुरानी बाजार महावीर मंदिर और पार नवादा मस्तानगंज से निकाली गयी जिसमें सनातन धर्म से जुड़े हर उम्र के लोग नाचते-झूमते नजर आये। वैसे भौगोलिक दृष्टिकोण से शहर के दो भागों में बंटे रहने के कारण दो बड़ी शोभायात्रा वर्षों से निकाली जाती रही है।
पार मस्तानगंज नवादा की शोभा यात्रा उसी क्षेत्र में घूमने के बाद शोभनाथ मंदिर परिसर में संपन्न हुई जबकि नगर के पुरानी बाजार महावीर मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा अन्य मुहल्लों की शोभायात्रा के साथ मिलकर देर शाम पुरानी बाजार महावीर मंदिर में संपन्न हुई। पुरानी बाजार से निकलने वाली शोभायात्रा में स्थानीय समिति के अध्यक्ष शास्वत राज, पूर्व वार्ड पार्षद रंजीत कुमार, कोषाध्यक्ष कार्तिक कुमार चौरसिया, सूरज कुमार, उपाध्यक्ष सूरज कुमार उर्फ छोटू, राजा कुमार, सौरव कुमार, मिथुन कुमार, अंकित कुमार, पंकज कुमार, बबलू कुमार, विष्णु कुमार, पीयूष कुमार, अमर कुमार व नारायण कुमार समेत दर्जनों स्थानीय युवा और वृद्धजन जुटे रहे।
बंबईया स्टाइल की झांकी आकर्षण का केंद्र
आजादी के बाद वर्ष 1952 में पहली बार रामनवमी की शोभायात्रा निकाले जाने की परंपरा शुरू हुई , जो आज भी बरकरार है। बंबइया स्टाइल की झांकी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। बंबइया स्टाइल में कानपुर की भक्ति जागरण टीम ने भक्ति गीत प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। बंगाल व सासाराम के कलाकारों की टीम की झांकियों को देखने के लिए लोग लालायित रहे। साथ ही स्थानीय कलाकार हनुमान, वानर सेना और जंगली वेशभूषा में नजर आये।
शोभायात्रा में सबसे आगे भांगड़ा व ढोल-नगाड़े के साथ थिरकते लोग भक्तिभाव से सराबोर नजर आ रहे थे। शोभायात्रा की झांकी में राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी का रथ सबसे आगे-आगे चल रहा था। उसके पीछे ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर लोग झूमते नजर आये। इसके साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी, शिव पार्वती, ऋषि मुनियों की झांकियों ने लोगों को आकर्षित किया। वानरों की सेना और जोकर के अलावे अन्य कई झांकियां शामिल रहीं जिसे देखने के लिए हर गली-मुहल्लों में लोग अपनी अपनी छतों पर घंटों इंतजार करते रहे।
घरों की छतों से होती रही पुष्प वर्षा
महावीर मंदिर से निकाली गयी शोभायात्रा जब मेन रोड, लाल चौक से मुस्लिम रोड होते हुए कलाली रोड पहुंची, तो वहां घरों की छतों से पुष्प वर्षा शुरू हो गयी। यह सिलसिला पुरानी बाजार तक जारी रहा। महिलाएं घरों की छतों से शोभायात्रा में शामिल भगवान श्रीराम के रथ पर फूल बरसा रही थीं।
शरबत व पानी का इंतजाम,
शहर के जिस इलाके से रामलला की सवारी वाली शोभायात्रा गुजर रही थी, वहां लोग भक्तों की सेवा में कोई कमी नहीं कर रहे थे। शरबत और पानी का इंतजाम कर श्रद्धालुओं की आवभगत की भरपूर व्यवस्था देखने को मिली। जिन स्थानों पर पेयजल और शरबत का इंतजाम किया गया, वहां झांकियों में शामिल देवी-देवताओं की सेवा में लोग कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे थे।
पार नवादा मस्तानगंज में झांकी के साथ निकली भव्य शोभायात्रा
शहर में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र पार नवादा मस्तानगंज में शोभायात्रा की झांकी और विशाल जुलूस देखते ही बना। गया रोड देवी मंदिर से निकलकर अंसार नगर होते हुए मस्तानगंज तक पहुंची शोभायात्रा में पूरे शहर के लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। यहां सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था। इसके अलावा खुरी नदी पुल से सटे सर्वधर्म का सेवा शिविर लगाया गया था। बजरंगदल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य सहित अन्य लोग लाल गमछा और हाथों में हनुमान जी का ध्वज लिये जय श्रीराम-जय हनुमान का जयघोष करते नजर आ रहे थे। गाजे-बाजे के साथ निकाली गयी शोभायात्रा में लोगों का उत्साह यहां भी कम नहीं रहा। -14 समितियों ने निकाली शोभायात्रा:- नगर में सद्भावना चौक, बजरंग नगर, तेली टोला आदि क्षेत्रों से निकाली गयी।
भईया जी की रिपोर्ट