मुजफ्फरपुर के SDM पूर्वी क्षेत्र अमित कुमार को जदयू के एक नेता ने व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी दी है। इस घटना के सामने आने के बाद मुजफ्फरपुर के प्रशासनिक और राजनीतिक हलके में खलबली मच गई। धमकी मिलने के बाद एसडीएम (SDM) ने बिना देर किए सदर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। एसडीएम की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को पताही से गिरफ्तार कर लिया। धमकी देने वाले की पहचान पूर्व जदयू जिला उपाध्यक्ष (महानगर किसान प्रकोष्ठ) के रूप में हुई है। धमकी की गंभीरता को देखते हुए सदर थाना पुलिस तुरंत हरकत में आई और आरोपी को पताही से गिरफ्तार कर लिया।
सदर थाने की पुलिस ने बताया कि आरोपी ने व्हाट्सएप के जरिए SDM को ‘देख लेने’ की धमकी दी थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में जुटी है ताकि धमकी के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके। मुजफ्फरपुर पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मामला व्यक्तिगत रंजिश या सियासी दबाव से जुड़ा हो सकता है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस घटना ने न केवल प्रशासनिक तंत्र को हिलाकर रख दिया बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल को भी गर्म कर दिया। यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई कि सत्ताधारी दल से जुड़े नेता ने एक अधिकारी को धमकी दी।
उधर जदयू नेतृत्व ने इस घटना से खुद को अलग करते हुए सफाई दी कि आरोपी का अब पार्टी से कोई संबंध नहीं है। जदयू के जिलास्तर के नेताओं ने बयान जारी कर कहा कि आरोपी काफी समय से पार्टी से अलग है और उसके कृत्य से जदयू का कोई लेना-देना नहीं। इसबीच राजद और विपक्षी महागठबंधन ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दी गई इस धमकी को सत्तारूढ़ दल द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश के तौर पर आगामी चुनाव में सियासी मुद्दा बनाने की बात कही है। फिलहाल इस मामले में पुलिस धमकी के पीछे की वजह और सियासी कनेक्शनों की जांच कर रही है।