मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक और सजायाफ्ता अनंत सिंह बहुत जल्द बाहर आने वाले हैं। अनंत सिंह को स्वास्थ्य कारणों से पैरोल पर रिहा करने की तैयारी है। देरी बस गृह विभाग के क्लियरेंस और कुछ कागजी खानापूर्ति वाले अड़चनों की है। बाढ़ और मोकामा के चौक—चौराहों पर पर तो पिछले तीन—चार दिनों से यह खबर हॉट बनी हुई है। अब सियासी हलके में भी मुंगेर सीट को लेकर जदयू के खास प्लान की हवा गरम है। जानकारी के अनुसार जदयू के इस मुंगेर प्लान के केंद्र में अनंत सिंह की पैरोल पर रिहाई ही है जिसकी कुछ बातें अभी तय होनी बाकी हैं।
क्या है जदयू का मुंगेर प्लान
जदयू के मुंगेर प्लान के बारे में संकेत तो तभी से मिलने लगे, जब मोकाम की विधायक और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ललन सिंह के पक्ष में प्रचार में उतर गईं। मुंगेर लोकसभा सीट पर इस बार निवर्तमान सांसद जदयू के ललन सिंह का मुकाबला बाहुबली अशोक महतो की पत्नी कुमारी अनिता से है। ललन सिंह को यहां बाहुबली अशोक महतो की पत्नी के पक्ष में पिछड़ों के वोट के ध्रुवीकरण और उनके पाले के वोट के बिखरने का डर सता रहा। इसी से पार पाने के लिए उनकी पार्टी मुंगेर प्लान पर काम कर रही है।
अपराध और जंगलराज को बनाया मुद्दा
दरअसल ललन सिंह यहां दो रणनीतियों पर एक साथ काम कर रहे। एक तो वे लगातार राजद के जंगलराज और अपराध को चुनावी भाषणों में टारगेट कर रहे हैं। दूसरे वे ‘लोहे को लोहे से काटने’ वाली चाल पर भी अमल कर रहे। अनंत सिंह को पैरोल मिलने की चर्चाएं उनकी इस चुनावी अमल को बल दे रही हैं। यहां पिछले तीन लोकसभा चुनाव से लगातार ललन सिंह के मुकाबले में बाहुबलियों की पत्नियां चुनाव मैदान में उतरी हैं। इसबार बाहुबली और सजायाफ्ता गैंगस्टर अशोक महतो की पत्नी कुमारी अनिता उनके मुकाबले में हैं।
अनंत सिंह के आने से क्या फायदा?
ललन सिंह के लिए मुंगेर में असल सिरदर्द बिखरा हुआ सवर्ण और एनडीए का कोर वोटबैंक है। इसके अलावा सजायाफ्ता गैंगस्टर अशोक महतो की पत्नी के मैदान में आने से इलाके के वोटरों के मन—मस्तिष्क पर छाये डर के इफेक्ट ने भी ललन सिंह को यहां चिंता में डाल रखा है। इसी सब को देखते हुए ललन यहां अपने पक्ष में एक ऐसा हैंड चाह रहे जो उनकी इस परेशानी की काट कर सके। अनंत सिंह के पैरोल की चर्चाओं को यहां के लोकल लो इसी गुणा—गणित के आइने में देख रहे।