चुनावी साल में नीतीश सरकार हर वर्ग के वोटर को साधने के लिए कोई कोर—कसर नहीं छोड़ना चाह रही। इसी के मद्देनजर बिहार सरकार ने आज पूर्व एमएलसी महाचंद्र प्रसाद सिंह को सवर्ण जातियों के लिए राज्य आयोग का अध्यक्ष बना दिया। जबकि शैलेंद्र कुमार को बिहार अनुसूचित जनजाति (एसटी) आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार उच्च जातियों और अनुसूचित जनजाति के कल्याण से जुड़े दो अहम आयोगों का पुनर्गठन कर दिया है। इसके तहत भाजपा और जदयू नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी गई है।
अधिसूचना के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह को उच्च जाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
चुनावी साल में सभी वर्गों को साधने की कवायद
जबकि उसी अधिसूचना के तहत राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। आयोग का अध्यक्ष पश्चिम चंपारण के शैलेंद्र कुमार को बनाया गया है। उनके साथ सुरेंद्र उरांव को उपाध्यक्ष और प्रेमशिला गुप्ता, तल्लू बासकी तथा राजू कुमार को सदस्य नियुक्त किया गया है। इनका कार्यकाल भी तीन वर्षों के लिए रहेगा। खबर है कि वक्फ मामले से नाराज चल रहे जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी को बिहार अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन बनाया गया है। सरकार का लक्ष्य जातिगत समीकरणों को साधना है।
अधिसूचना के अनुसार जदयू नेता राजीव रंजन प्रसाद को उच्च जातियों के लिए बने आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि दयानंद राय, जय कृष्ण झा और राजकुमार सिंह को सवर्ण आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है। विदित हो कि अभी एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी को राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। माना जा रहा कि राज्य सरकार अगामी विधानसभा चुनाव में सभी जातियों को साधने के लिए ही ये नियुक्तियां कर रही है ताकि उसे सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त हो सके।