लैंड फॉर जॉब घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य के खिलाफ राउज ऐवन्यू कोर्ट में आरोप तय करने पर होने वाली सुनवाई आज फिर टल गई। अब 15 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई होगी। कोर्ट ने सीबीआई को इस संबंध में वेरिफिकेशन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय दिया है। इस मामले में सीबीआई ने लालू, राबड़ी, तेजस्वी समेत कुल 103 लोगों को आरोपी बनाया है। हालांकि इनमें से चार आरोपियों की मौत हो चुकी है। आज दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत में जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का फैसला होना था। लेकिन अदालत ने एक बार फिर सुनवाई टाल दी।
अदालत ने सुनवाई पर क्या कहा
इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सभी आरोपितों की स्थिति बताने को लेकर कोर्ट से समय मांगा था। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी। इससे पहले, दो बार मामले इस केस की सुनवाई टल चुकी है। पिछली सुनवाई के दौरान 8 दिसंबर को सीबीआई ने अदालत को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों से जुड़े कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में विभिन्न आरोपियों की स्थिति वेरिफाई करने के लिए समय मांगा था। स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं या नहीं।
क्या है लैंड फॉर जॉब मामला
एजेंसी का आरोप है कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब जबलपुर स्थित पश्चिम-मध्य रेलवे जोन के ग्रुप-डी पदों पर नियुक्तियां नियमों के खिलाफ की गईं। एजेंसी का दावा है कि जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके पक्ष में बदले में जमीन के टुकड़े लालू परिवार या उनके करीबियों के नाम पर उपहार स्वरूप स्थानांतरित किए गए। सीबीआई ने इसे बेहिसाब संपत्ति, नियमों का उल्लंघन, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का मामला बताया है।