बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन में सीधा मुकाबला है। इसे देखते हुए लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी एक नया दांव चलने जा रही है। राजद सूत्रों के अनुसार लालू यादव बहुत जल्द पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं। उनकी जगह पुराने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी है। दरअसल इसके दो कारण हैं। एक तो लालू को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत है। दूसरा यह कि जगदानंद सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान देने से अगडी जातियों यानी राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार और कायस्थ समाज को ये संदेश जाएगा कि उनके लिए भी राजद में जगह और सम्मान बना हुआ है। यानी राजद एक तीर से दो काम साधने की मुहिम पर है। जगदानंद सिंह को कमान देने की घोषणा जल्द की जा सकती है।
राजद के सूत्र यह भी बता रहे कि जगदानंद सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार कबूलने के लिए राजी कर लिया गया है। ऐसा होता है तो वो चुनाव प्रचार के समय राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मैदान में उतरेंगे और रोज लालू प्रसाद यादव को फीड बैक देते रहेंगे। इसके अलावा लालू को बढ़ती उम्र और बीमारियों वाली सेहत में रोज रोज के चुनाव प्रचार से आराम दिया जा सकेगा। विधानसभा चुनाव से पहले राजद अपने बड़े और विस्वसनीय नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है। जगदानंद सिंह लालू के पुराने मित्र एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। लालू के वे काफी विस्वसनीय भी हैं।
जगतानंद सिंह लालू प्रसाद यादव के बहुत पुराने सहयोगी एवं मित्र रहे हैं एवं मंत्रिमंडल भी उनके साथ उन्होंने काफी काम किया है। अभी हाल में हुए बदलाव में जगदानंद की जगह प्रदेश राजद की कमान मंगली लाल मंडल को दी गई। मंगनी लाल मंडल भी लालू प्रसाद यादव के पूर्व मंत्रिमंडल सहयोगी एवं अति पिछड़ा के एक बड़े नेता माने जाते हैं। राजद सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद यादव चाहते हैं कि स्वास्थ्य की समस्याओं के कारण उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त किया जाए एवं उनके पुराने मित्र और विश्वासपात्र रहे जगदानंद सिंह को इसकी कमान दी जाए। जानकारी के मुताबिक इस फैसले पर तेजस्वी यादव की भी सहमती बन गई है। चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल अपने पार्टी को पूरी तरह तैयार कर रही है ताकि चुनाव के मैदान में जब वह उतरे तो पार्टी के प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर की कमान ऐसे नेताओं के हाथ में हो जो कि लालू प्रसाद यादव परिवार के पुराने विश्वस्त रहे हों एवं जिनसे जातीय समीकरण में भी राजद को फायदा मिले।