केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नीति आयोग का पुनर्गठन किया है। इसमें बिहार के तीन मंत्रियों को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगह दी गई है। नवगठित नीति आयोग में सबसे अहम इंट्री जदयू के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की हुई है। इसके अलावा हम के जीतन मांझी और लोजपा के चिराग पासवान को भी इसका सदस्य बनाया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार को आगामी बजट में विशेष दर्जा या कोई विशेष पैकेज मिल सकता है।
बजट से ठीक पहले हुआ पुनर्गठन
दरअसल 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाला है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने की केंद्र से मांग करते रहे हैं। हाल में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने तो कार्यकारिणी बैठक के दौरान इसपर प्रस्ताव भी पास किया है। मोदी 3.0 सरकार के गठन में नीतीश की पार्टी जदयू का बड़ा किरदार है। अब NITI Ayog में बिहार के तीन मंत्री विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। नीति आयोग का पुनर्गठन ऐसे समय में हुआ है, जब कुछ दिनों बाद ही देश का केंद्रीय बजट लोकसभा में पेश किया जाने वाला है।
बिहार के लिए बनेगा खास मसौदा
स्पष्ट है कि बजट से पहले मोदी सरकार बिहार को लेकर खास प्लान पर काम करना चाह रही है। इसके लिए जरूरी है कि बिहार से आने वाले सहयोगी दलों को नीति निर्धारकों के दल में शामिल कर उनकी सहमति से ही कोई मसौदा तैयार किया जाए। ऐसा करने से बाद में होने वाले विवादों से भी बचा जा सकता है। चूंकि केंद्र की सरकार गठबंधन प्रकृति की है, इसलिए ऐसा करना स्वाभाविक और जरूरी भी है।
अन्नपूर्णा देवी को भी मिली जगह
जानकारी के अनुसार बिहार के इन तीन मंत्रियों—ललन सिंह, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के अलावा झारखंड की अन्नपूर्णा देवी को भी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। अब देखना है कि आने वाले बजट में अपने लिए विशेष पैकेज या फिर विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे बिहार और आंध्र प्रदेश को क्या हासिल होता है।