बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की नामांकन की प्रक्रिया के बीच एनडीए और महागठबंधन में सीट शेयरिंग के ऐलान का इंतजार है। भाजपा और एलजेपी-आर समेत एनडीए गठबंधन की आज दिल्ली में अहम बैठक है जिसमें आज ही या कल सुबह तक सीटों की घोषणा कर दी जाएगी। इसी सियासी गहमागहमी के बीच रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज शनिवार की सुबह-सुबह एक फेसबुक पोस्ट के जरिये ऐसा धमाका कर दिया है जिससे एनडीए में खलबली मच गई है। दिल्ली में एनडीए की आज अहम बैठक से ठीक पहले कुशवाहा ने अपने पोस्ट में लिखा कि— इधर-उधर की खबरों पर मत जाइए। वार्ता अभी पूरी नहीं हुई है। इंतजार कीजिए…! मीडिया में कैसे खबर चल रही है, मुझको नहीं पता। अगर कोई खबर प्लांट कर रहा है तो यह छल है, धोखा है। आप लोग सजग रहिए।
कुशवाहा के पोस्ट में ऐसा क्या जिससे हड़कंप
अब कुशवाहा के इस ताजा पोस्ट के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक तरफ जहां समझा जा रहा है कि बीजेपी चिराग और मांझी को लगभग मना चुकी है और आज ही शाम तक सीटों के बंटवारे का ऐलान हो जाएगा, वहीं कुशवाहा ने अपनी मंशा जाहिर कर दी कि अभी सबकुछ फाइनल नहीं हुआ है। उम्मीद थी कि अब जल्दी ही एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर ऐलान हो सकता है, वहीं कुशवाहा का यह बयान सीधे तौर पर एनडीए में सीट बंटवारे के उन दावों को खारिज करता है, जिनमें कहा जा रहा कि सारा हिसाब-किताब फाइनल हो चुका है। चौंकाने वाली बात यह कि अपनी बात कहने के लिए कुशवाहा ने ‘छल और धोखा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। यह संकेत देता है कि सीटों की संख्या को लेकर उन्हें या उनकी पार्टी को अभी तक संतोषजनक प्रस्ताव नहीं मिला है।
एनडीए के लिए मुश्किल वाली बात यह है कि नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और अबतक सीटों के बंटवारे की घोषणा नहीं हो सकी है। कौन, कितनी सीटों पर और कहां से लड़ेगा यह तय नहीं हुआ है। दूसरी तरफ नामांकन की तारीख गुजरती जा रही है। कुशवाहा के तेवर से साफ है कि वह अपनी पार्टी के लिए अधिक सीटों पर अड़े हुए हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुशवाहा को मनाना बीजेपी के लिए ज्यादा टेढ़ी खीर नहीं होगी। चिराग को लगभग सेट कर लिया गया है। रही बात मांझी की तो वह भी एक—आध सीट आगे पीछे करके राजी होने के लिए तैयार बैठे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए एनडीए के सीट बंटवारे के फंसे हुए पेंच को सुलझाने में कोई खास दिक्कत नहीं होने वाली। वह भी तब जब उसे जदयू जैसे बड़े सहयोगी का भरपुर साथ मिल रहा हो।