झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन को आज शुक्रवार को रांची हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी। कोर्ट ने उन्हें जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देते हुए रिहा करने का आदेश जारी किया। झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले मिली जमानत से झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं की खुशी का ठिकाना नहीं है। हेमंत सोरेन को इस मामले में ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
हेमंत के वकील सिब्बल ने ये रखी दलील
रांची हाईकोर्ट में जस्टिस मुखोपाध्याय की पीठ ने सोरेन की जमानत याचिका पर तीन दिनों तक बहस सुनने और सुनवाई पूरी होने के बाद 13 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हेमंत सोरेन इस समय रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं। ईडी का कहना है कि बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है। इस जमीन के कागजात में भले हेमंत सोरेन का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा पीएमएलए के तहत अपराध है।सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत “भुईंहरी” नेचर की है और इसे किसी भी स्थिति में किसी व्यक्ति को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। इस जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है. इससे हेमंत सोरेन का कोई संबंध नहीं है।