पहलगाम आतंकी हमले से मिले दर्द का हिसाब अब भारतीय सेना दुश्मन से लेगी। आतंकवाद पर कब और कैसे लगाम कसनी है तथा कब उनपर हमला करना है, ये अब सेना खुद तय करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए सेना को फ्री हैंड दे दिया है। इसबीच पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज बुधवार को सुबह 11 बजे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक होगी। यह पहलगाम हमले के बाद सीसीएस की दूसरी बैठक है। CCS में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर होंगे। यह बैठक पहलगाम हमले को लेकर बुलाई गई है। CCS की पहली बैठक के बाद सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए थे, जिसमें सिंधु जल संधि पर रोक, अटारी सीमा को बंद करना और वीजा रद्द करना शामिल है। इसके अलावा,CCPA की बैठक भी आज ही होने वाली है जो पहलगाम हमले के बाद निर्णायक साबित होने वाली है।
CCPA की पिछली बैठक 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद हुई थी, जिसमें सुरक्षा स्थिति की समीक्षा और जवाबी रणनीतियों पर विचार किया गया था। उस बैठक में पाकिस्तान को दिया गया ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस लेने का फैसला हुआ था। इसके बाद, 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया था। कल मंगलवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की “पूरी अभियानगत छूट” है। मोदी ने यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह टिप्पणी की।
उधर खबर है कि पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सात अस्थायी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से बात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्लोवेनिया, पनामा, अल्जीरिया और गुयाना के अपने समकक्षों के साथ मंगलवार को फोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा की। अन्य अस्थायी सदस्य देशों में डेनमार्क, पाकिस्तान और कोरिया गणराज्य शामिल हैं। विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से भी फोन पर बात की और इस हमले के “अपराधियों, योजनाकारों व समर्थकों” को न्याय के कटघरे में लाने की बात कही।