बिहार चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव प्रभारी और सह-प्रभारी के नामों की घोषणा कर दी है। बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान को बिहार चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है। जबकि सीआर पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य को बिहार चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से सह प्रभारी बनाया गया है। दरअसल चुनाव आयोग ने यह संकेत दिया है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान अब बहुत जलद हो सकता है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियों में गतिविधियां तेज हो गईं हैं। भाजपा ने भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है और इसी के तहत बिहार चुनाव के लिए धर्मेंद्र प्रधान को प्रभारी और अन्य सह प्रभारियों के नाम की घोषणा की गई।
चुनाव आयोग सूत्रों के अनुसार 6 अक्टूबर के आसपास बिहार में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त भी बिहार आने वाले हैं। आयोग द्वारा पहले ही राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी करने को कह दिया गया है। इस बार राज्य में मुख्य मुकाबला एडीए बनाम महागठबंधन के बीच है। सभी दल चुनाव की घोषणा होने से पहले ही मैदान में प्रचार करने में जुटे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने 2020 के चुनाव में एनडीए के साथ रहते हुए जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा ने इस बार धर्मेंद्र प्रधान समेत तीन अनुभवी नेताओं को बिहार चुनाव की जिम्मेदारी सौंपकर अपनी चुनावी रणनीति का संकेत दे दिया है। यह टीम बिहार में चुनावी रणनीति तय करने, संगठन को मजबूत करने और एनडीए के सहयोगी दलों के साथ समन्वय बनाने का काम करेगी।
धर्मेंद्र प्रधान का 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा की बड़ी जीत के पीछे अहम रोल रहा है। उनकी संगठनात्मक क्षमता और चुनाव प्रबंधन कौशल को देखते हुए ही बीजेपी ने 2025 में फिर उन्हें यह जिम्मेदारी दी है।
वहीं सीआर पाटिल गुजरात भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और उनकी प्रबंधन क्षमता को भाजपा ने सराहा है।
दूसरी तरफ केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक पकड़ साबित कर चुके हैं। खासकर ओबीसी वर्ग में उनकी अच्छी पकड़ है। बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं। इस बार के बिहार चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच का मुकाबला बेहद दिलचस्प माना जा रहा है। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही तमाम राजनीतिक पार्टियां जनता के बीच जाना शुरू कर चुकी हैं।