सीबीआई ने केंद्र सरकार की पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त कर व्यवस्था के उद्देश्य से शुरू की गई फेसलेस टैक्स असेसमेंट योजना को विफल करने की साजिश का पर्दाफाश करते हुए पटना में एक डिप्टी आयकर कमिश्नर को गिरफ्तार कर लिया।
आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर विजेंद्र को उनके सहयोगी दिनेश कुमार अग्रवाल के साथ गिरफ्तार किया गया है। विजेंद्र पर आयकर निर्धारण की फेसलेस योजना को विफल करने का आरोप है। कहा जा रहा है कि उसने योजना से संबंधित गोपनीय जानकारी जुटाई और रिश्वत लेकर उसे लीक कर दिया।
जांच के बाद सीबीआई ने मारा था छापा
आयकर कमिश्नर विजेंद्र का सहयोगी पश्चिम चंपारण निवासी दिनेश कुमार अग्रवाल वही है जिसने वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था। उसपर आरोप है कि वह डिप्टी आईटी कमिश्नर के साथ मिलकर बड़े टैक्स मामलों में रिश्वत के बदले अनुकूल निर्धारण आदेश दिलाने की डील कर रहा था। विदित हो कि सीबीआई ने इस मामले की जांच के दौरान फरवरी माह में दिल्ली, मुंबई, ठाणे, पश्चिम चंपारण, बेंगलुरु और केरल में छापेमारी की थी। CBI ने आयकर विभाग से मिली शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी। जांच में सामने आया कि आरोपी अधिकारी और उनके नेटवर्क के चार्टर्ड अकाउंटेंट, इंस्पेक्टर और अन्य सहयोगी मिलकर इस ‘फेसलेस’ योजना को नुकसान पहुंचाया।
क्या है केंद्र सरकार की फेसलेस योजना
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पारदर्शिता बढ़ाने के साथ ही भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ‘फेसलेस’ योजना शुरू की है। इसे ‘फेसलेस’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि करदाता यानी टैक्स पेयर को अपने कर (टैक्स) का आकलन करने वाले अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं होती है। उक्त व्यक्ति को यह भी पता नहीं चल पाएगा कि वह अधिकारी कौन है। जाहिर है इस योजना को भ्रष्टाचार कम करने की कवायद के तहत लागू किया गया है।